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SHRUTSAGAR
May-2019 पटेल (कलक्टर सुरत), प्रो. अशोककुमार सिंह-दिल्ली, सुश्री साक्षी साबो-निरमा युनिवर्सिटी अहमदाबाद, प्रो. नलिनी बलवीर-पेरिस विश्वविद्यालय, डॉ. पीटर फ्लुगल-एसओएएस युनिवर्सिटी ऑफ लंदन, लीना धनानी-यु.एस.ए., डॉ. मार्टिन गेन्स्टन-स्वीडन आदि विद्वानों को अपेक्षित पुस्तकें, जेरोक्स, पीडीएफ आदि उपलब्ध कराये गये हैं। ४. विविध संस्थान
जिनशासन आराधना ट्रस्ट आशापुरण पार्श्वनाथ जैन ज्ञानभंडार-अहमदाबाद, श्रुतलेखनम्-अहमदाबाद, श्रुतभवन-पुणे, एल. डी. इन्डोलोजी-अहमदाबाद, जैन विश्व भारती संस्थान-लाडनूं, वीरशासनम्, पतंजलि योगपीठ-हरिद्वार, पार्श्वनाथ शोध संस्थान-बनारस, प्राकृत भारती एकेडमी-जयपुर इत्यादि विभिन्न संस्थाओं को अपेक्षित पुस्तकें, जेरोक्स, प्रिन्ट एवं पीडीएफ साहित्य उपलब्ध कराये गये हैं। ५. जैना ई लायब्रेरी
जैना ई लायब्रेरी यु. एस. ए. को पुस्तकें तथा मैगजीन आदि साहित्य स्केनिंग के लिए भेजा जाता है, ताकि देश विदेश के विद्वानों को ऑनलाईन पुस्तकें, पत्रपत्रिकाएँ, विशिष्ट निबन्ध आदि तत्काल उपलब्ध हो सके। ६. अनेक ग्रंथालयों को समृद्ध करने हेतु भेंटस्वरूप पुस्तकों की आपूर्ति
आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमन्दिर में भेंटस्वरूप प्राप्त पुस्तकों में जिनकी आवश्यकता से अधिक नकलें होती हैं, वे पुस्तकें अन्य संस्थाओं की समृद्धि हेतु उन्हें भेंटस्वरूप प्रदान की जाती हैं। ऐसी ८३,२१९ पुस्तकों में से आज तक निम्नलिखित विशेष संस्थाओं एवं संघों को भेंट में पुस्तकें दी गई हैं। १) वर्धमान एज्युकेशन एन्ड रिसर्च इन्स्टीट्युट-पूणे, २) श्री वेपेरी श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ-चेन्नई, ३) श्री सुधर्मास्वामी जैन ज्ञानभंडार-साबरमती, ४) आदिनाथ जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघमुंबई, ५) स्थानकवासी जैन संघ-शाहीबाग अहमदावाद, ६) श्री नेमिनाथ श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ-कडपा हरिभद्रसूरि ज्ञानभंडार सूरत तथा भारतवर्ष के अन्य कई ज्ञानभंडारों को अबतक लगभग ४९,४१३ पुस्तकें भेंटस्वरूप प्रदान की गई हैं।
इसके अतिरिक्त १५० से २०० बॉक्स में रखी ३३,८०६ पुस्तकें जिनके नाम सूची में नहीं है, जो किसी भी संस्था या ज्ञानभंडार को भेंटस्वरूप देने हेतु हैं, ये पुस्तकें किसी भी ज्ञानभंडार को समृद्ध बना सकती है।
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