Book Title: Shrutsagar 2019 03 Volume 05 Issue 10
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 18
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रुतसागर 18 (२) नयणसेन कुमार द्वारा प्रायश्चित रूपे संयम ग्रहण कराये छते वर्षो बाद गुरू भगवंतनो काळधर्म थता तेमना पाट पर नन्नसेनसूरिजी स्थपायानी नोंध महत्त्वपूर्ण छे । मार्च-२ - २०१९ (३) राजादिकने प्रतिबोधित करी पल्लीवाल स्वरूपे गच्छनी प्रसिद्धि थयानी विगत विचारणीय छे । (४) अभयदेवसूरि द्वारा सूर्योदय सुधी काउसग्ग करवानो अभिग्रह कराता तेमना नियमनी परिक्षार्थे त्रण दिवस सूर्यदेवनुं प्रगट न थवुं, अंते सूरिजीना सत्वथी प्रभावित थई दर्शन आपी चिंतामणि रत्ननुं प्रदान करवुं । आ घटना सूरिजीना जीवननी विशेष ध्यानार्ह घटना छे । (५) सं १६०८ मां मुनि हीरानंदविजयजीनो पालीमां पदस्थापना महोत्सव संघनायक नगराज सीमाउत वडे करायानी नोंध संघ नायकनी समर्पण भावनानुं उदाहरण छे। (६) हीरानंदसुरिजीना पदमहोत्सव प्रसंगे अन्य श्रावको द्वारा मोहत्सवमां भाग लेवायानी नोंध, श्रावकोनो गुरु पदस्थापनो आनंद जणावे छे। (७) हीरानंदसूरिजीना मेवाड, मेडतादि क्षेत्रोमा विहारनी नोंध विचरण तेमनी विशाळता जणावे छे। (८) आ सिवाय कृतिनी घणी खरी विगतो अन्य संदर्भोना शब्दो समजी शकाती नथी । कृतिकार परिचय For Private and Personal Use Only प्रस्तुत कृतिकार कवि शुभंकर गृहस्थ छे के साधु छे तेनो काव्यमां कशो उल्लेख मळतो नथी, वळी अन्य पण कोई जग्याए कवि संदर्भे नोंध मळती नथी तेथी कविनो सत्ता समय विगेरे जाणी शकातो नथी परंतु प्रस्तुत कृतिनी हस्तप्रत लेखनना मंगलाचरणमां लखायेल ‘हीरानंद सूतो यश भो. (?) शुभंकर' आटला शब्दथी कर्ताने हीरानंदसूरिजीना शिष्य गणीए तो कर्तानो समय १७मी सदीना पूर्वार्धनो कही शकाय । (अहीं यशभो० पद कर्ताना विशेषण वाचक लागे छे (?) जो के हजु ते अंगे विशेष तपास करवी घटे।) प्रान्ते संपादनार्थे प्रस्तुत कृतिनी हस्तप्रत नकल आपवा बदल आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर ट्रस्टना व्यवस्थापक श्रीनो खूब खूब आभार ।

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