Book Title: Shrutsagar 2019 03 Volume 05 Issue 10
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 30
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 30 श्रुतसागर मार्च-२०१९ Accent-प्रयत्नभारनो उपयोग करवामां रहेला भेदोने अवलंबे छ। __(२) साधित गुजराती शब्दनी मध्यमां जे ए अने ओ आवे छे ते अइ-अउ ना प्रतिक छे, परंतु ज्यारे वास्तविक उच्चारणमा स्वरभार-प्रयत्न अ (अइ-अउ) उपर आवे छे त्यारे ते ऍ अने ऑ एम विवृत बने छे अने स्वरभार इ के उ (अइ-अउ) उपर आवे छे त्यारे ते ए अने ओ एम संवृत रहे छे । शब्दने अंते अइ-अउ अर्धविवृत अ-ऑकार ने पामे छ। ____ अपभ्रंश अने जूनी गुजराती बोलीमां शब्दनी मध्यमां जे अइ-अउ होय तेनां वर्तमान गुजरातीमां संवृत-विवृत ए-ओ बन्या छे; ए ज स्वरयुग्मो व्रजभाषामां, हिंदीमां अने मारवाडीमां संवृत रूपे ए-ओ अने विवृतरूपे ऐ-औ बने छ । जे गुजराती शब्दोनुं मूळ अपभ्रंश के जूनी गुजरातनी होतुं नथी, पण देश्य, फारसी के उर्दू शब्दो होय छे, ते मूळ शब्दोमांज्यां अय्-अव् होय छे परन्तु गुजरातनी उच्चारणमां अइ-अउ किंवा ऐ-औ प्रचलित थया होय छे, त्यां पण अपभ्रंश तथा जूनी गुजरातीनी पेठे जे विवृतोच्चारनो उपरनो नियम काम करे छे। थोडां उदारहणो ए नियमने स्पष्ट करशे। (क्रमशः) राष्ट्रसंत प.पू. आचार्यश्री पद्मसागरसूरिजी म.सा. की विहार यात्रा गाँव कि.मी. | दिनांक हरीयाणा | १ | फरीदाबाद ९ १९ से २०-०३-१९ दिल्ली मोहनबाबा नगर १२ | २१-०३-१९ महरौली १४ | २२-०३-१९ | चांदनी चौक (दिल्ली) ६ २३-०३ से ०३-०४-१९ | साउथ एक्स १२ | ०४-०४-१९ | महरौली ९ ०४-०४-१९ (शाम) ७ घिटोरजी ६ । गुड गाँव १५ ०५ से ०६-०४-१९ | शिकोहचुर १५ ०७-०४-१९ १० मानेसर ९ ०७-०४-१९(शाम) (अनुसंधान पृष्ठ ३४ पर) For Private and Personal Use Only

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