Book Title: Shrutsagar 2019 03 Volume 05 Issue 10
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 22
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मार्च-२०१९ ॥ ३४॥ ॥ ३५॥ ॥३६॥ ॥३७॥ ॥ ३८॥ श्रुतसागर __22 विरधावत दांन धरम विसेषै, रेलोनै राइपाल । दत डुंगरसीह पुणंतां(?) दाने, पात्रांजन-प्रतिपाल थाप्या गछपत्ति करे वड थापन, हीरो हीराणंद। श्रावक्क सदगुरु बेठे सावन्न, छाजै रूपकछंद कचरो कुलि-मोड२५ कहां कंधोधर, सोभा साहसमाल। डीडाउत दांन तणे गुण दाखां, दोमजि दुट्ठ दुझाल जसवंत तणो मंत्रीसर जोतां, दीपकमाल दीवांण। महिका नै डुंगरसीह मणिमच्छ, एम सपुत्रे आणि दूहो आणीजै ओपम इला, इम साहमी अपार । मुहवन करणी मेरहर७, व्रन्नवि८ ताई वड वार चालि बनवांवड वारे तेजो जिम भाणे, राउत तेम राजेस। भोपतिह रावत क्रित भला एणि, थिर थिरपाल थुणेस राइ रीति तिलोकसी रिधि रूपागर, मेघा साह मल्हार । सुतियागी सूरिजमाल समो भ्रमः एम कमो उद्दार थिरपाल तणो निज नाम थुणतां जांणि जसो जणियार । श्रावक्क समृद्धि प्रसिद्ध सराहै एम घणे अधिकार सहसो सावन्न कहां समदडीये सूरिजमाल सुतन्न। महतीक महासंघमांहि महलखें धीग २ बिन्हे पख धन्न गजमाल गंभीर गुणे करि गाजई सोहै सही सुरतांण। पंचाइण पूरव भाग प्रमाणे माल तणा महिरांण पदमा रूपसीह घणो करि प्रारंभ तोडर रा सुतियाग। दातार वले सुरतांण घणै दत्त भेट्यो मोटै भाग ताइने तलसीह कहां तेजाउत मानस दरो मेह। नेत्तोतिम हीर कन्हावत निमल ओपम न्याइ अछेह ॥३९॥ ॥ ४०॥ ॥४१॥ ॥ ४२ ॥ ॥४३॥ ॥४४॥ ॥ ४५ ॥ ३५. कुलमां मुगट ३६. ? ३७. ? ३८. वर्णवी ३९. सारा त्याग वाळा ४१. ? ४२. ? ४३. निर्मल For Private and Personal Use Only

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