Book Title: Shrut Bhini Ankho Me Bijli Chamke
Author(s): Vijay Doshi
Publisher: Vijay Doshi

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Page 449
________________ आज क्या तिथि है ? आज कल्याणक आदि क्या है ? यह विचार श्रावक प्रात: काल उठते ही करता है - ऐसा 'श्रीश्राद्ध विधि' ग्रंथ में बताया है । पर्व तिथियों का पालन महाफल देने वाला है, क्योंकि - इससे शुभ आयुष्य का बंध होना है आदि लाभ मिलता है । श्री गौतम स्वामी ने भगवान से पूछा कि - हे भगवन् ! बीज आदि पांचों तिथियों में किया गया धर्मानुष्ठान का क्या फल होता है ? उत्तर - हे गौतम ! बहुत फल होता है । इन तिथियों में जीव प्राय: पर भव का आयुष्य उपार्जन करता है । पूनम, अमावस, पक्ष-संधि की और मास - संधि की तिथियाँ हैं । उसी प्रकार तीन चौमासी पूनम आती है, इसलिए पूनम कब है यह जानना जरूरी है । नित्य प्रभु पूजा करने वाले को पांचों तिथियों के कल्याणक तिथि का ज्ञान रखना आवश्यक है । जिस गांव में रहता हो वहां के जिन मंदिर के मूलनायक कौन हैं, उन भगवान के कल्याणक तिथि का ज्ञान भी रखना जरूरी है । पंचांग किसको कहते हैं ? तिथि-नक्षत्र - करण-योग एवं वार । ये पांच अंग जिसमें आते हैं वह पंचांग है। श्रोता प्रथम क्रमांक में आलोचना करके विशुद्ध बनता है और दूसरे क्रमांक पर विनीत होना चाहिए । विनीत श्रोता किसको कहते हैं ? - जिसमें निम्न सात योग्यता हो । 1. गुरु के प्रति अनुरागी, 2. गुरु के प्रति भक्तिवंत, 3. गुरु का कभी त्याग न करे, 4. गुरु का अनुसरण करने वाला, 5. विशेषज्ञ ( धार्मिक ज्ञान में) हो, 6. उद्यमी हो, 7. अपने सद् कार्यो से कभी बोर न हो । तीसरे क्रमांक में - वांचना के अनुकूल क्षेत्र हो । चौथा क्रमांक - दिशा अनुकूल हो । पांचवा क्रमांक - काल अनशन हो । 416

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