Book Title: Shrut Bhini Ankho Me Bijli Chamke
Author(s): Vijay Doshi
Publisher: Vijay Doshi

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Page 481
________________ 31. गर्भ में रहा हुआ बालक माता के धर्मानुरागी होने से वह भी धर्मानुरागी होता है और गर्भ में ही आयुष्य पूरा हो जाय तो देवलोक में जाता है। (भगवती सूत्र) 32. बालक, रानी के गर्भ में - शत्रुराजा लड़ाई करने आया है, ऐसे शब्द सुनकर स्वयं वैक्रिय लब्धि धारक होने से शत्रु राजा की सेना को अपनी लब्धि द्वारा चतुरंगी सेना चारों तरफ फैला दें, कषाय और क्रूरता के कारण 2-3 माह का यह बालक यदि गर्भ में आयुष्य पूर्ण करे तो नरक में जाए - ( भगवती सूत्र : श. 1, उ.7 33. सबसे श्रेष्ठ भौतिक सुख के स्वामी की 1 हाथ की काया, आयु सागरोपम का होते हुए वहाँ अनुत्तर विमान में न वस्त्र न आभूषण या अन्य भौतिक सामग्री।(जीवाभिगम सूत्र) 34. नरक में जाने वाले को साथ नहीं ढूँढना पड़ता । एक समय में जंबूद्वीप को राई के दाने से भर दो इतने दाने चाहिए उससे भी अधिक जीव नरक में जाते हैं। (भगवती सूत्र श. 20) 35. 6 विषय ऐसे हैं जिसमें अनेक लब्धियों के स्वामी, विशिष्ठ शक्तियों के धारक देव, अनंत शक्ति धारक अरिहंत भी कुछ नहीं कर सकते । 1. जीव को अजीव नहीं कर सकते । 2. अजीव को जीव नहीं कर सकते । 3. एक समय में दो भाषा नहीं बोल सकते । 4. कर्म इच्छानुसार नहीं भोग सकते । 5. परमाणु को छेदन - भेदन नहीं कर सकते । 6. लोक के बाहर गमन नहीं कर सकते । (ठाणांग सूत्र : स्थानक - 6 ) 36. प्रत्येक समय - 256 जीव में से 1 जीव तो अवश्य आयु कर्म बांधता है और 255 जीव नया आयुष कर्म नहीं बांधते । (पन्नवणा सूत्र : पढ़ - 3 ) 37. परमाधामी देव असंख्य, परन्तु नारकी उससे भी असंख्य गुना अधिक है । कभी नरक के जीव इकट्ठे होकर मिलकर परमाधामी देव को एकाध प्रहार कर देते हैं । (भगवती सूत्र :16, 3.4) 448

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