Book Title: Shrungarmanjari Author(s): Kanubhai V Sheth Publisher: L D Indology Ahmedabad View full book textPage 9
________________ (निवृत्त) आदरणीय श्री. दलसुखभाईए मारा शोध-कार्यमां सतत प्रेरणा, मार्गदर्शन अने सहाय आप्या छे ते बदल हु आभारनी लागणी व्यक्त करु छुः शब्दकोश अंगे उपयोगी सूचन करवा बदल हु वयोवृद्ध पंडित श्री बेचरदास दाशीनो ऋणी छु'. प्रस्तुत कृतिनी अधिकृत वाचना तैयार करवा माटे मारा उपयोग अर्थ हस्तप्रतो सुलभ करी आपवा माटे वाडी पार्श्वनाथनी भंडार (पाटण), डेला आसरा ग्रंथभंडार (अमदावाद), वीर विजय उपाश्रय ग्रंथभंडार (अमदावाद), तपगच्छ जुन शाळा ग्रंथम'डार (खं पात) तथा ला. द. भारतीय संस्कृति विद्यामंदिर, (अमदावाद)ना ट्रस्टीओ के संचालकोनो हार्दिक आभार मानुं छु. मारा शोध-कार्य दरम्यान शोध-वृत्ति आपवा बदल ला. द. भारतीय संस्कृतिना संचालक मंडळनो हु आभार मानुं कुं. अंते, महानिबंधना प्रकाशन-खर्च अंगे आर्थिक सहाय आपवा माटे हु भारत सरकारना शिक्षा विभागनो आभार मानु छु. कनुभाई व्र. शेठ १, जान्युआरी १९७८ ला. द. भारतीय संस्कृति विद्यामंदिर अमदावाद-९ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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