Book Title: Shrungarmanjari
Author(s): Kanubhai V Sheth
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 11
________________ शुद्धिपत्रक प्रस्तावना पंक्ति अशुद्ध दशम्यां लाया सांडडड नथी दशभ्यां लख्या ७ सांउडडु नथी जयलब्ध अलध सीसंधर सीमंधा लोहित्य लौ हित्य संयगला मयंगला संगे अगे त्पीना स्त्रीम राजीओ राजाओ साध्वीजीओ साध्वीजीओ स्वरूप स्वरूपना दृष्टिले कया. अष्टिए अवकाश नथी पण कथा. लाणी हस्तीतलिन हस्तीतोलन ढंढरिजि ढंढणनिखि दुर्गाइ वाहलकेग वाहलकेरो (२३०३). वेगिरि वेगिकरि लाळी दुगाई ग्रंथपाठ मो मोड सिंध सिंह गोमुत्रिका . c नयनमरणां अखंडी वेदन अवतरी न थाई कंचु-कसण शुभ १०३ २२ गोमुत्रिता होह नवनसरणां अखंटी वंदन अवनरी थाइ कंच-कुसण पभ लागु विसई प्रहे वसी गगनाठगेने डा ९०७ ११७ १४६ १८ १४७ भागु १६१ १७० विदेसई प्रहिवसी गगनाङ्गने डाद २२३ २४ २३१ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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