Book Title: Shrungarmanjari
Author(s): Kanubhai V Sheth
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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जयवंतसूरिकृत
२८०. अ. जन माहिथी; ग. मन मांहिथी. २८१. ग. मननी कु ग. उता. अ. बप्पीउ; ग. बप्पीओ. घ. करह. २८२. ख साधीइ; ग. साधीइं. २८३. प्रत 'ग'मां अत्रे वधारानी पंकतिओ आ प्रमाणे छे. कुसंपा दुख देह. नव आमिख भेला सुख दई इअलगा अति दुख देह. २८५. आ पछी तरत नवी कडी (२८६) शरू थइ छे. जेना चरण 1, २, ३ अनुक्रमे ग्रंथपाठनी कडी २८३ना चरण २, ३ अने ४ नी साथे अकरूप छे. ज्यारे कडी (२८६)ना चोथा चरणनो पाठ लखवानो रही गयो छे. पाठान्तर अत्रे प्रत 'क'ने अनुलक्षीने नांध्या छे. ग. कुसंपां अलखामणां २८४. अ. मिलवु; ख.ग. मिलव'. अ. नस-नेह सिउ'; २८७. अ. बोलावि; ग. बोल.वि. अ.ख.ग. घडीय. २८८. अख. तुहि; ग तोहि. अ.ग. मनामणि. २८९. अ.ख. मनावि पगि पडी; ग. मनाविं पगि पडी. प्रत ख'नां 'उपर वली वली' अम लेख छ.] अ. सविचार. अ.ख.ग सुकुलीणी. ग मांन्यो. २९२. अ आकिरा. अ.ख ग. अवगुण. २९३. अ. क्षण. ख. लख; ग क्षण (लख); घ. लख, अ.ख ग.घ. बोलणा; घ. बोलणा. २९४. अ, सहजि; ग. सहजि. अ. मइलीइ; ख. मिलीइ; ग. मिलई. २९५. अ. जल-रेहा; ख. जल-रेह। [असना]; ग. जल-रेहा [असनइ ]. अख ग. होय २९६.अ. मुहहिः ग मुंहडई: अ. हंसा; ख.ग. हंसि. २९७. अ ऊपगार ग नित्यई करइ'. ग. वयरीडइ कुपई. २९८. ग. ऊपगार. ग. संसार. ३००.ग. भा. अ.ख.ग. तोय. ३०१. अख ग तोय. गः करति. ग. बहुलो हुति. ३०३. ग. छेद्यां. ३०४. अ. लत्तरई; ग. ऊत्तरई; ३०५. ख. जि, ग. जई. ग. जिवोसय कर्या. ग. सुयणां ग. कॉ. अ. समरंति. अ. राग गोडी. ख. ढाल १२, श्याम प्रद्यम्नना रासनी देशी, समोरण देवई रच्यु अहनी. ग. ढाल १२ राग गोडी, श्याम पद्यम्नना रासनी देशी; समोसरण देवइ रच्यु, ओ देशी ३०६. ग. पाछो वाल्यो. अ. शीलि; ग. शालिं अ. जलनुहि जल समवडि ख. जलनुहिं जल न खोमवडि; ग. जलनो समोवडिं स. सारइ ग. दूपद तथा आंचली ३०७ ख अबद्ध रे ग. कांइ बोल्या अबद्य रे. ३०९. अ. कारणिइ; ग. कारई ख. अग. घरीय अ. लीजइ; ख.ग लीजई ३१०. अ. ऊडी अ.ख. ग. दोयगम अ. पंथ दृष्ट रे अ.ग. पगे ३११. अ वाहणही; ख.ग. वाणही; घ. वाहांणी अ. वाहणी; ख. वाणही; ग वांणही ख.ग वणठां अ उद्भूत ग. थाय ३१३. अ.ख. तभ्यो: ग. तुम्यो ग. वखांणीओ ३१४. अख ग. धाओ. अ. रान मल्हार ख. ढाल १३, राग मल्हार, मम करो माया काया, मे देशी ग. ढाल १३, राग मल्हार, मम करो माया कारिमी, से देशी ३१५. अ. दीठउं; ग. दीहुँ ११६. अ. द्रपद; ख. दुपद आंचली ग. दूपद आंचली ३१७. अ. वानमां अनट वियट ले विश्राम; अ. घटि ते समाणसां; ग. रहिवू न घटि तिहां ३१८. ते भणी देउ(ल) मई: अ वर्णववू : ख. वरणवू ; ग. वरणव्यू. अ. मइ वखाणू ख. मइ न ग. वखांणिउं ३१९. अ. बोलडी, ग. बोलडो अ. परि भम्या; ख. परि भम्यां; ग. परि भम्या अ.ख. दूहा घ. दुहा ३२०. अ.ख.ग. कोय ३२१. ग. ओक वाहला सज्जन विण ग. भरीओ देस रान परि जांणीइं ३२३. जल भर्या अ. सधलि ३२५. अ.ग. कारेली वरि आप अ. अनेरां गोरां नवलाख ३१६. अग. क्षारथी ३२७. अकि भलो ग. पुहचिं ख. बहूया; ग बहूंया अ.ख. वसि अ. तेहनु; ग. तेहनो ख.ग. सहवास अ. देसी चालतीः ख. देशी पाछली चालती छई; ग. देशी पाछली चालती छई ३२८. अ. तणि अ. आगलि दीठउ नेसड; ग. आगलिं दीठओ नेसडो ३२९. ग. पुरई
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