Book Title: Shraddh Vidhi Hindi Bhashantar Author(s): Ratnashekharsuri Publisher: Jainamrut Samiti View full book textPage 9
________________ पृष्ठांक. २४१ २४२ २४३ २५१ विषयांक. विषय का नाम. ६८ तीनप्रकारी, पांचप्रकारी, अष्टप्रकारी, सर्वप्रकारी, सत्रहप्रकारी व इकवीसप्रकारी पूजाका स्वरूप और विधि २३८ ६९ पूजामें कैसे पुष्प काममें लेने चाहिये ? उसका स्वरूप ७० पूजाप्रकरणसे इक्कीसप्रकारी पूजा ७१ स्नान करनेकी विधि ७२ प्रतिमाके स्वयंकारितादि भेद ७३ चैत्यमेंसे मकडीके जाले आदि आशातना टालने___की विधि ७४ पूजाका अवश्यकर्त्तव्यत्व _ ७५ पूजामें धारण करने योग्य दशत्रिकआदिका स्वरूप २५५ ७६ विधि-अविधिपर चित्रकारपुत्र और दो ब्राह्मणों की कथा २५८ ७७ तीनप्रकारकी जिनपूजाका फल २६२ ७८ भक्तिके पुष्पपूजादि पांच भेद ७९ दूसरेकी जिनपूजाका द्वेष करनेपर कुंतलारानीकी कथा २६४ ८० आज्ञापालनरूप भावस्तवका स्वरूप . २६६ ८१ द्रव्यस्तवकी अपेक्षा भावस्तवकी उत्कृष्टता २६७ ८२ द्रव्यस्तवके ऊपर कुएका दृष्टांत २६८ ८३ जिनमंदिरको जानेका विचारआदिमें होनेवाला फल २६९ २५२ २५४Page Navigation
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