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विषयांक.
. विषय का नाम.
९८ देवद्रव्यखाते द्रव्य देना कबूल करके शीघ्र न देने से होनेवाली हानि और उस पर ऋषभदत्तश्रेष्ठी की कथा.
९९ देवद्रव्यकी ऊगाई करनेमें आलस्य रखने ऊपर एक वणिककी कथा.
१०० देरासर के दीपक से गृहकार्य करने पर एक ऊंटनी की कथा.
१०१ देवद्रव्य, ज्ञानद्रव्य और साधारणद्रव्य इन तीनोंखातों की कोई भी वस्तु नकरा दिये बिना वापरने में दोषका वर्णन इसका स्वरूप.
१०२ थोडा नकरा देकर देरासरकी वस्तु वापरनेके दोष ऊपर लक्ष्मीवती की कथा.
१०३ घरदेरासर में चढाये हुए चांवल आदिकी सुव्यवस्था १०४ मरनेवाले के पीछे धर्मखाते देना कबूल किये हुए द्रव्यका स्वरूप, तीर्थ में खर्चनेको माने हुए
द्रव्यका स्वरूप.
१०५ किसी भी खाते का या मनुष्यका देना नहीं रखना, १०६ गुरुवन्दन विधि और गुरुसाक्षी से पच्चखान करने का और पञ्चखानका फल, १०७ गुरुविनय के सात प्रकार और धर्मदेशना सुनने के
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