Book Title: Shraddh Vidhi Hindi Bhashantar
Author(s): Ratnashekharsuri
Publisher: Jainamrut Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 10
________________ (७) पृष्ठांक. २७० विषयांक. विषय का नाम. ८४ त्रिकाल जिनपूजा करनेका फल ८५ विधि और बहुमान ऊपर चौभंगी २७१ ८६ प्रीतिअनुष्ठानआदि चारतरहका अनुष्ठान २७२ ८७ विधिपूर्वक जिनपूजा करनेके ऊपर धर्मदत्त राजाकी कथा २७४ ८८ देवद्रव्यआदिकी सारसम्हालमें गौका दृष्टान्त २९६ ८९ ज्ञानकी आशातना. २९८ ९० देवकी जघन्य १०, मध्यम ४० और उत्कृष्ट ८४ आशातनाओंका स्वरूप. ९१ देवकी बृहद्भाष्योक्त पांचप्रकारकी आशातना. ३०३ ९२ गुरुकी तैंतीस आशातनाएं. और उससे अनन्त संसार ३०४ ९३ देवद्रव्य और साधारणद्रव्यके नाश उपेक्षा भक्षण और वृद्धिका फल ३०८ ९४ देवद्रध्यकी रक्षा करनेपरभी साधुकी निर्दोषता ३६० ९५ देवद्रब्य भक्षण करनेके ऊपर सागरश्रेष्ठीकी कथा. ९६ ज्ञानद्रव्य भक्षण करने पर कर्मसारकी और साधारणद्रव्य भक्षण करने पर पुण्यसारकी ३२५ ९७ ज्ञानद्रव्य तथा गुरुद्रव्यका स्वरूप. - . .. कथा.

Loading...

Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 ... 820