Book Title: Sasta Sahitya Mandal Parichay Author(s): Sasta Sahitya Mandal Publisher: Sasta Sahitya Mandal View full book textPage 8
________________ - ६ - १२–पहले आर्डर देकर फिर उसे वापस कर देना ठीक नहीं है। उससे 'मण्डल'-जैसी सार्वजनिक संस्था को व्यर्थ की हानि होती है। यदि भूल से या किसी कारणवश ऐसा हो जाय तो ग्राहक को चाहिए कि 'मण्डल' की जो पोस्टेज-हानि हुई हो उसे भेज दें और पुस्तकें फिर भेजने को लिखें। १३–आर्डर भेजते समय इस बात को भी खुलासा कर देना चाहिए कि जो पुस्तकें स्टाक में न हों उन्हें न भेजें या तैयार होने पर भेजें या जो हों वे ही भेज दें, आदि। १४-इससे पूर्व प्रकाशित सभी नियम रद्द किये जाते हैं। इनमें भी समय-समयपर रद्दोबदल करने का अधिकार मंत्री को है। -मंत्री अन्य आवश्यक सूचनायें १-'सस्ता साहित्य मण्डल' की जो जनरल माला थी उसका नाम 'सर्वोदय साहित्य माला' रख दिया गया है। यह माला ही 'मण्डल' की जनरल माला रहेगी और सब मालायें जैसे 'लोक-साहित्य-माला', 'गांधी-साहित्य-माला', 'टॉल्सटॉय-ग्रन्थावलि', आदि इसके अन्तर्गत रहेंगी। --- २–पाठकों को यह जानकर खुशी होगी कि मण्डल ने अपनी शाखा संयुक्तप्रान्त की राजधानी, लखनऊ तथा दिल्ली में शहर के बीच बडे दरीबे में खोल दी है । संयुक्तप्रान्त के भाई-बहन तथा दिल्ली निवासी इस सुविधा से अवश्य लाभ उठावेंगे, ऐसी आशा है। । ३-'मण्डल' में हम और बाहरी प्रकाशकों की पुस्तकें तो रखते ही हैं; लेकिन हमने हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग की परीक्षा, संयुक्तप्रान्त की विशेष योग्यता को परीक्षा, तथा पंजाब की प्रत्न और भूषण परीक्षा की पुस्तकें भी दिल्ली और लखनऊ की दुकानों पर रखने की व्यवस्था की है । आशा है पाठक इससे अवश्य लाभ उठावेंगे।Page Navigation
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