Book Title: Sasta Sahitya Mandal Parichay
Author(s): Sasta Sahitya Mandal
Publisher: Sasta Sahitya Mandal

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Page 27
________________ - २५ - से उसे मिली है । और हिन्दी में गांधीजी की पुस्तकें मण्डल ने ही ज्यादा संख्या में निकाली भी हैं । 'मण्डल' का सर्वप्रथम प्रकाशन महात्माजी का लिखा 'दक्षिण अफ्रीका का सत्याग्रह' था। उसके बाद उनकी 'आत्मकथा', 'अनासक्तियोग-गीताबोध', 'अनीति की राह पर', और 'हमारा कलंक' आदि ‘मण्डल' ने प्रकाशित किये । लेकिन फिर भी अबतक हम एक बात नहीं कर पाये । बहुत दिनों से हमारी इच्छा थी कि महात्माजी के सारे लेखों और भाषणों का विषय-वार सुसंपादित संस्करण निकाला जाय और इस वर्ष हम इस काम को प्रधान रूप से हाथ में ले रहे हैं और महात्माजी के चुने हुए खास-खास लेखों को १५-२० भागों में उपरोक्त माला के रूप में निकाल रहे हैं । इसमें स्वदेशी ग्रामोद्योग और ब्रह्मचर्य ये दो पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं । और विद्यार्थी धर्म, समाज-धर्म, स्त्री-धर्म, वर्ण-धर्म आदि कई किताबें तैयार हो रही हैं। .. ४. टाल्स्टाय-ग्रन्थावली गांधी साहित्य माला के समान 'टाल्स्टाय ग्रन्थावलि' के रूप में टाल्स्टाय-साहित्य प्रकाशित करने की भी हमारी योजना चालू है। मण्डल ने टाल्स्टाय-साहित्य को जिस रूप में हिन्दी जगत् के सामने रखा है वह मण्डल की एक खास विशेषता है। 'क्या करें ?', 'सामाजिक कुरीतियाँ', 'हमारे जमाने की गुलामी', 'स्त्री और पुरुष', 'जिन्दा लाश', 'अन्धेरे में उजाला' और 'कलवार की करतूत' के रूप में टाल्स्टाय की सर्वश्रेष्ठ रचनायें हिन्दी पाठकों को मण्डल भेट कर ही चुका है। फिर भी एक माला के रूप में इसको एक जगह और एक आकार-प्रकार में निकालने से उसकी उपयोगिता और भी बढ़ जाती है। यह माला भी लगभग १५ भागों में समाप्त होगी। टाल्स्टाय की 'आत्म-कहानी', 'जीवन क्या है ?' 'धर्म क्या है ?' आदि आदि पुस्तकें तैयार हो रही हैं।

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