Book Title: Sasta Sahitya Mandal Parichay
Author(s): Sasta Sahitya Mandal
Publisher: Sasta Sahitya Mandal

View full book text
Previous | Next

Page 26
________________ - २४ - सौ पुस्तकों की एक ऐसी छोटी-सी लाइब्रेरी बना दें जो साधारण पढ़ेलिखे लोगों के अन्दर आजकल के सारे विषयों को तथा उनको ऊँचा उठानेवाले युगपरिवर्तनकारी विचारों को सरल-से-सरल भाषा में रख दें और उसके बाद उन्हें फिर किसी विषय की खोज में-उसका ज्ञान प्राप्त करने के लिए-कहीं बाहर न जाना पड़े। ____ इस प्रकार लगभग दो-ढाई सौ पृष्ठों की पुस्तक माला की पुस्तकों का दाम हम सस्ते-से-सस्ता यानी ॥ रखना चाहते हैं। काग़ज़ छपाई आदि बहुत बढ़िया होगी। इस माला में अबतक ११-१२ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं । इस सूचीपत्र के १६, १७, १८ पृष्ठ पर उनका विवरण दिया गया है। २. नवजीवन माला 'नवजीन माला' नाम की एक पुस्तकमाला और निकल रही है। उसका उद्येश्य, करोड़ों हिन्दी-भाषी ग़रीब लोगों में महात्मा गांधी और संसार के दूसरे सत्पुरुषों के नवजीवनदायी विचारों को सस्तेसे-सस्ते मूल्य में फैलाना और उनको भारत की आजादी के महायज्ञ के लिए तैयार करना है । देश की सच्ची हालत बतानेवाले तथा किसानों और गरीबों के उपयोग का साहित्य इस माला में काफ़ी प्रकाशित हुआ है। महात्मा गांधी, पण्डित जवाहरलाल नेहरू, श्री राजेन्द्र बांबू और श्री जमनालाल बजाज आदि ने इन पुस्तकों की बहुत प्रशंसा की है। इसमें अबतक १५ पुस्तकें छप चुकी हैं। ३. गांधी साहित्य-माला * 'मण्डल का यह सौभाग्य रहा है. कि महात्माजी की पुस्तकों को हिन्दी में प्रकाशित करने की स्वीकृति और सुविधा महात्माजी की ओर

Loading...

Page Navigation
1 ... 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80