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'मण्डल' के सोल ऐजेन्सी विभाग के
प्रकाशन
१. लोपामुद्रा-[श्री कन्हैयालाल मुनशी ] गुजरात के सुप्रसिद्ध उपन्यासकार श्री मुनशी का यह ऋग्वेद कालीन उपन्यास बहुत मनोहर और रोचक है । महान् अगस्त्य ऋषि की पत्नी लोपामुद्रा की यह जीवनकथा है । मूल्य १) ____२. रोटी का राग-[श्रीमन्नारायण अग्रवाल, एम० ए० ] यह
रोटी का राग नये युग का राग है। महात्माजी के शब्दों में रचयिता का 'हेतु स्पष्ट और निर्मल है।' और काका कालेलकर के शब्दों में 'सरल संस्कारी और सहृदय इन्हीं शब्दों में श्रीमन्नारायणजी की कविता का, वर्णन हो सकता है।' मूल्य 1)
३. चारा-दाना और उसको खिलाने के उपाय-[ ले. परमेश्वरी प्रसाद गुप्त ] इसमें पशु-पालन के बारे में वैज्ञानिक रीति से और साथ ही सरलतापूर्वक विचार किया गया है। इसके लेखक का इस बारे में वर्षों का प्रत्यक्ष अनुभव है । मूल्य )
४. फ्रांस की राज्यक्रांति-[डॉ. सत्यकेतु विद्यालंकार ] डॉ. सत्यकेतुजी यूरोप का आधुनिक इतिहास लिख रहे हैं । प्रस्तुत पुस्तक उसका पहला भाग है । इसमें नेपोलियन तक का इतिहास आया है । उसके बाद 'उन्नीसवीं सदी' और 'वर्तमान यूरोप' ये दो भाग प्रकाशित होंगे। मूल्य एक भाग का १॥
५. गांधीवाद की रूप-रेखा-[ ले० श्रीरामनाथ 'सुमन' ] इस पुस्तक में सुमनजी ने सभी दृष्टिकोण से गांधीवाद का विवेचन किया है और सभी दृष्टियों से गांधीजी के विचारों को देखा-परखा है । मूल्य १)