Book Title: Sarvagna Kathit Param Samayik Dharm
Author(s): Kalapurnsuri
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 3
________________ 0प्रकाशक : देवेन्द्रराज मेहता सचिव, प्राकृत भारती अकादमी ३८२६, मोतीसिंह भोमियों का रास्ता जयपुर-३०२००३ [] पारसमल भंसाली अध्यक्ष, श्री जैन श्वे. नाकोड़ा पार्श्वनाथ तीर्थ मेवानगर, स्टे. बालोतरा ३४४०२५, जि० बाडमेर - नरेन्द्रप्रकाश जैन पार्टनर, मोतीलाल बनारसीदास बंगलो रोड, जवाहरनगर दिल्ली-११०००७ । अनुवादक-नैनमल सुराना ) प्रथम संस्करण : अप्रेल १९८६ ] सर्वाधिकार प्रकाशकाधीन - मूल्य : ४०.०० (7 मुद्रक : श्रीचन्द सुराना के निदेशन में दिवाकर प्रकाशन ए-७ अवागढ़ हाउस, अंजना सिनेमा के सामने एम० जी० रोड़, आगरा-२८२ ००२ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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