Book Title: Sanskrit Swayam Shikshak
Author(s): Shripad Damodar Satvalekar
Publisher: Rajpal and Sons

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Page 347
________________ अध्येषि यही धातु परस्मैपद में भी है जिसका अर्थ 'अधि+इ (स्मरणे) = स्मरण करना है'। इसके रूप परस्मैपद। वर्तमान काल अध्येति अधीतः अधीयन्ति अधीथः अधीथ अध्येमि अधीवः अधीमः परस्मैपद । भविष्यकाल अध्येष्यति अध्येष्यतः अध्येष्यन्ति अध्येषि अध्येष्यथः अध्येष्यथ अध्येष्यामि अध्येष्यावः अध्येष्यामः परस्मैपद। भूतकाल अध्येत् अध्येताम् अध्यायन् अध्यैः अध्यैतम् अध्यैत अध्यायम् अध्यैव अध्यम इनके उभयपद के ये सब रूप विशेष उपयोगी होने से ठीक स्मरण रखने चाहिएं। ईश् (ऐश्वर्य) = प्रभुत्व करना आत्मनेपद। वर्तमान ईष्टे ईशाते ईशते ईशिषे ईशाथे ईशिध्ये ईश्वहे ईश्महे आत्मनेपद। भविष्यकाल ईशिष्यते ईशिष्येते ईशिष्यन्ते ईशिष्यसे ईशिष्येथे ईशिष्यध्वे ईशिष्ये ईशिष्यावहे ईशिष्यामहे

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