Book Title: Sannyas Diksha Pratibandhak Nibandhna Musadda Uper Vichar Karva Nimayeli Samitinu Nivedan
Author(s): Sanyas Diksha Pratibandhak Samiti
Publisher: Sanyas Diksha Pratibandhak Samiti

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Page 64
________________ ६८ विरोध चाले छे तेमने बधाने पूरो सतोष आपी शके नहीं ए उघड छे. तोपण अमे आशा राखीए छीए के तेमने एटलं तो क बूल कर्या वगर नहीं चाले के आ महत्वना काममां तेमना धर्मने कांई अडचण आवे नहीं एवी सरळ, साधारण अने व्यवहारू प्रकारनी भलामणो अमे करी छे. अमे आशा राखीए छीए के अमे जे भलामण करी छे ते स्वीकारवाथी संन्यास दीक्षा जेवी महत्वनी अने उच्च धर्भनी बाबतमा हाल जे मलीनता दाखल थयेली छे ते दूर थई जे ते धर्मनो जेवा प्रकारनो दीक्षित वर्ग हाल छे तेना करता आगळ उपर वधारे शुद्ध अने सारो थशे. अमारुं निवेदन तथा भलामण सरकार तथा जे ते धर्मना अनुयायीओने पसंद पडशे तो तेथी अमारी महेनत सफळ थई एम मानी अमे खुशी थईशं. ८०. आ निवेदन बंध करतां पहेलां अमारा सेक्रेटरी नायब न्यायमंत्री रा. रा. पुष्करराम वामनराम महेता एम. ए., एलएल., बी. तथा आभार प्रदर्शन. तेमना शिरस्तेदार रा. छोटालाल मगनलाल शाह बी. ए. एमणे जे उमंग, खत अने श्रमथी अमने अमारा काममां मदद करी छे तेने माटे अमे तेमनो आभार मानीए छीए अने तेमनी आ सारी नोकरी सरकारना ध्यान उपर लावीए छीए. तारीख ६ माहे डिसेंबर सन १९३२. पु. वा. महेता. गोविंदभाई हा. देसाई. वि. कृ. धुरंधर. अ. आ. केहीमकर. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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