Book Title: Sannyas Diksha Pratibandhak Nibandhna Musadda Uper Vichar Karva Nimayeli Samitinu Nivedan
Author(s): Sanyas Diksha Pratibandhak Samiti
Publisher: Sanyas Diksha Pratibandhak Samiti

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Page 63
________________ मत मुकाववानुं अगर ते आपवानुं एक खत जामीनसह के जामीनवगर करी आपवान ए कायदामा राख्युं छे, पण आ कायदामां तेनी जरूर नथी, कारण के आवा गुन्हाना काममा खोटी फरियाद थवानो संभव ओछो रहे छे. वळी फरियाद करवाना काममां एवी सख्ताई राखवामां आवे तो कई फरियाद करवानी परवा राखे नहीं अने गुन्हा बन्या छतां कायदानो अमल थाय नहीं; कारण के खरा प्रसंगे पण फरियाद करवा आगळ आवे एवा निडर अने परोपकारी लोको आपणा समाजमां थोडाज होय छे, तो पछी तेमनी पासे रकम अनामत मुकवानुं ठराववामां आवे तो भाग्येज कोई फरियाद करवा आगळ आवे. एक सूचना एवी थई हती के बाळलग्न प्रतिबंधक निबंध विरुद्ध गुन्हानी फरियादो गामना पटेल करे तेम दीक्षा निबंध विरुद्धना गुन्हानो फरियादो पण सरकार तरफयी थवा धोरण ठरावq जोईए. पण आ सूचना स्वीकारवानी अमे भलामण करी शकता नथी. दीक्षा निबंध विरुद्ध गुन्हा कांई एटला बधा थपाना नथी के तेने माटे गामेगाम बाळलग्ननी पेठे पत्रको रखाववां योग्य थाय. एक वर्षमा आखा राज्यमां थईने भाग्येज आठ दस फरियादो थवानो प्रसंग आवे; जो के आ गुन्हा पोलिस अधिकारना न होवायी पोलिस पोते थईने तेनी तपास करी शके नहीं पण पोलिसने मळेली खबर उपरथी फरियाद करवी योग्य जणाय तो तेम करवाने कांई बाध नथी पण वास्तविक रीते तो आवा कामनी फरियादो जे ते धर्मना अनुयायीओना स्थानिक आगेवानोए अगर लागतावळगता संबंधवाळाए करवी ए तेनुं कर्तव्य छे. ७७. अयोग्य दीक्षा हवे बे प्रकारनी थशे. (१) अज्ञानने आपेली दीक्षा अने (२) सज्ञान सखसे लेख करी आप्या शिवाय लीधेली . शिक्षा. दीक्षा अगर तेणे लेख करी आप्यो छे एवी खात्री कर्या वगर तेने आपेली दीक्षा. आ पैकी पहेला प्रकारनो गुन्हो ए बीजा प्रकारना गुन्हा करतां वधारे गंभीर प्रकारनो छे. तेथी ते माटे वधारे सख्त शिक्षा राखवी जोईए. अमारा अभिप्राय प्रमाणे पहेला प्रकारना गुन्हा माटे एक वर्ष सुधीनी गमे ते प्रकारनी केदनी तथा ते उपरांत पांचसो रुपिया सुधीना दंडनी शिक्षा राखवी जोईए. बीजा प्रकारना गुन्हा माटे छ मास सुधीनी आसान केदनी अगर पांचसो रुपिया सुधीना दंडनी शिक्षा राखी होय तो बस थशे. ७८. प्रसिद्ध थयेला निबंधनो खरडो अमारी सूचना प्रमाणे सुधारवामां आवे तो व ते केवो थशे ए अमे परिशिष्ट ३ थी नवो मुसद्दो सामेल निबंधनो सुधारेलो खरडो. '. कर्यो छे ते उपरथी जणाशे. ७९. अमारे करवानें काम घणी मुश्केली अने गुंचवाडा भरेलु हतुं अने कांई पण निर्णय पर आवतां पहेलां अमारे घणु विचारवान तथा उपसंहार. तपासवान हतुं ते संबंधमां अमाराथी बनतो प्रयत्न अमे कर्यो छे. अमारी सचनाओ जैन धर्मना अनुयायीयो के जेमनामां बे पक्ष बंधाई घणो Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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