Book Title: Sannyas Diksha Pratibandhak Nibandhna Musadda Uper Vichar Karva Nimayeli Samitinu Nivedan
Author(s): Sanyas Diksha Pratibandhak Samiti
Publisher: Sanyas Diksha Pratibandhak Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 67
________________ प्रकरण २ जु. प्रतिबंध. ३.(१)" सज्ञानपणानी उमर तथा पाल्यपालक संबंधी निबंध " नी कलम सगीरने दीक्षा नहीं आपका ४ मां जेने बाबत. (अ) सगीर गणवामां आव्यो छे तेने, तेमज (आ) जे सज्ञान थयो नथी एम गणवामां आव्यो छे तेने कोईपण माणसथी संन्यासदीक्षा आपी शकाशे नहीं. (२) (अ) पेटाकलम (१) मा जणावेलो रजामंदी होय तोपण पेटाकलम (१)ना ठरावने बाध नहीं आपवा बाबत, प्रसंग. (१) सगीर अथवा (२) जे सज्ञान थयो नथी ते अगर (आ) (१) तेनां माबाप अगर . (२) वाली परिणाम. संन्यासदीक्षा आपवा माटे रजामंदी आपे तेथी पेटाकलम (१) ना ठरावने बाध आवशे नहीं. ४. कलम ३ मां कहेला ठराव विरुद्ध जो कोई तेवी दीक्षा आपशे तो ते सर्व प्रसंग, कारण माटे कलम ३ ना ठराव विरुद्ध अपायली दीक्षा निरर्थक होवा बाबत. परिणाम, निरर्थक गणाशे एटले के, तेवी दीक्षा अपायला सखसना (अ)(१) संप्राप्त अगर (२) भविष्यमा प्राप्त थनारा कोईपण (आ) (१) वारसाईना, (२) भरणपोषणना, Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

Loading...

Page Navigation
1 ... 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96