Book Title: Sannyas Diksha Pratibandhak Nibandhna Musadda Uper Vichar Karva Nimayeli Samitinu Nivedan
Author(s): Sanyas Diksha Pratibandhak Samiti
Publisher: Sanyas Diksha Pratibandhak Samiti

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Page 66
________________ प्रकरण १ हुं. प्राथमिक. १. मा निबंधने “ संन्यासदीक्षा प्रतिबंधक निबंध" कहेवो. संज्ञा. २. पुर्वापर संबंध उपरथी बाध आवतो न होय तो व्याख्या. (क)" संन्यासदीक्षा " ए शब्दमां कोईपण धर्मना संन्यासदीक्षा, (अ) (१) साधु, (२) संन्यासी, (३) यति, (४) योगी, (५) वेरागी, (६) फकीर, विगेरे एवा माणसो पोताना (आ) (१) धर्ममा अथवा (२) पंथमां, जीवन गाळवाने कोईपण माणसने (इ) (१) मंत्र आपे, (२) मुंडे, (३) चेलो करे, (४) लुंचितकेश करे, (५) कफनी ओरावे, (६) नाथे अथवा (७) एवीज बीजी कोई रीते क्रिया करे के जेथी संसारनो त्याग कयों गणाय तेनो समावेश थाय छे. (ख) “दीक्षा" एटले “ संन्यासदीक्षा " एम समजवू. दीक्षा. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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