Book Title: Sanmati Tark Prakaran Part 02
Author(s): Abhaydevsuri
Publisher: Divya Darshan Trust

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Page 18
________________ ३८९ ३७६ बौद्धमत में विकल्प वास्तविक प्रमाण नहीं है ३६९ पर्यायनयभेदः. ऋजुसूत्रनयाभिप्राय ३८७ सुखादि के विरह में भी प्रसादादि से अर्थनयानां वक्तव्यम् ३८८ अनैकान्तिकता ३७० अक्षणिक वस्तु में क्रमशः/पुगपद् अर्थक्रिया 'प्रदान' साधक समन्वय हेतु अनैकान्तिक और असम्भव ३८८ विरुद्ध ३७१ अर्थनयचतुष्क का अभिप्राप एकजाति और स्थैर्य का निषेध ३७२ शब्दविनिर्मुक्त अर्थावबोध का समर्थन ३९० आत्मस्थल में समन्वयहेतु साध्यद्रोही ३७३ शब्दनयानां वक्तव्यता परिमाणादि चार हेतु प्रधानसिद्धि में अक्षम ३७३ पंचमस्य शब्दनयस्याभिप्रायः ३९१ वैश्वरूप्प का अविभाग-हेतु में असिद्धि दोष ३७४ शब्दनयों-प्रमाणादिव्यवहारों का मुख्य हेतु शब्द ३९१ नित्य चैतन्यवाद में प्रत्यक्षविरोध शब्दनप के मत से लिंगभेद से पर्यायभेद ३९१ कर्तृत्व के विना भोक्तृत्व का असम्भव ३७७ समभिरूढनयाभिप्रायः ३९३ अन्ध-पंगुन्याय से प्रवृत्ति कर्म के विना कारकादि के भेद से वस्तुभेद-शब्दनय ३९३ अघटित ३७७ समभिरूढनय-संज्ञाभेद से वस्तुभेद ३९४ प्रतिबिम्बन्याय से भोक्तृत्व आत्मा में असंगत ३७८ एवंभूतनयाभिप्राय: ३९५ अन्ध-पंगुन्याय से प्रधानप्रवृत्ति असंभव ३७९ एवंभूत-शब्दवाच्यक्रिया से आविष्ट हो वही बुद्धि में अचेतनासाधक अनुमान दोषग्रस्त ३८० वस्तु क्षीरप्रवृत्ति का दृष्टान्त असंगत ३८१ तृतीयगाथाविवरण समाप्त पुरुषसाधक अनुमान पर विकल्पत्रयी ३८२ चतुर्थी गाथा ३९७ नयोपभेदनिरूपणम् ३८४ शुद्ध - अशुद्ध द्रव्यास्तिक संग्रह-व्यवहार ३९७ संग्रह-नैगमनयवक्तव्यता ३८४ संग्रहस्प सत्तामात्रविषपकत्वोपदर्शनम् नय के प्रभेद : संग्रहादिनय ३८४ सत्तामात्रवस्तुवादी-संग्रहनयप्ररूपणा ३९८ नैगमनय वक्तव्यता ३८४ अन्यदार्शनिकों का अस्त्यर्थवाचकता में समर्थन ३९९ व्यवहारनयाभिप्रायः ३८५ अशुद्ध द्रव्यार्थिक-व्यवहारनय का अभिप्राप नैगम के विविध अभिप्राय के उदाहरणस्थळ ३८५ प्रतिवस्तु वचनार्थनिश्चय-व्यवहार ४०१ प्रत्यक्षसिद्ध भेदग्राही व्यवहारनय ३८६ चौथी गाथा की व्याख्या समाप्त ४०२ संग्रहादि नयों में विषयभेद ३८६ परिशिष्ट - १ परिशिष्ट - २ ४११ ३९५ ३९६ ३९८ ४०० Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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