Book Title: Sankshipta Jain Itihas Part 02 Khand 01
Author(s): Kamtaprasad Jain
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 4
________________ मग ..... (६) रान अवस्था, सामाजिक दशा, महिला महिमा, पार्मिक स्थिति, मुनिव मार्यिकाओंका धर्म, श्रावकाचार आदि १३८ ७-भ० महावीरका निर्वाणकाल-वीर संवत, शक शालिवाहन, नहपान, विक्रम संवत .... .... १५७ -अन्तिम केवली श्रीजम्बूस्वामी-बाल्यकाल, वीरता, वैराग्य, विवाह, मुनिजीवन, सर्वज्ञ दशा व धर्मप्रचार, श्वेताम्बर कथन .... .... १७१ ९-नन्द वंश-नवनन्द, नंदिवर्धन आदि.... .... १८. १०-सिकन्दर महानका आक्रमण और तत्कालीन जैन साधु भारतीय तत्ववेत्ता, दि० जैन साधु जिम्नोसोफिस्ट, मुनि मन्दनीस और कलोनस आदि .... .... १८६. ११-श्रुतकेवली मद्रबाहु और अन्य आचार्य-जैन संघका दक्षिणमें प्रस्थान, श्वेतांबर पहावली, जैन संघमें भेद, श्रुतज्ञानकी विक्षिप्ति, श्वे. स्थूलभद्र, मादि .... २०१ १२-मौर्य साम्राज्य-चन्द्रगुप्त मौर्य, सैल्यूकस, शासन प्रबंध, सामाजिक दशा, धार्मिक स्थिति, चन्द्रगुप्त जैन थे, चाणक्य, अशोक, कलिंग विजय, अशोककी • शिक्षायें, अशोके जैन धर्मानुसार पारिभाषिक शब्द और उनके दार्शनिक सिद्धांत, अशोकका जैनधर्म प्रचार, शिलालेख व शिल्प कार्य, अंतिम जीवन, अशोकके उत्तराधिकारी, रामा साम्प्रति और जनसंघ, /सेठ सुकुमाल, मौर्य साम्राज्यका अन्त, उपरांतकालके मौर्यवंशन, शुगवंश ... ... .. २१८


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