Book Title: Sankshipta Jain Itihas Part 01 Khand 01 Author(s): Kamtaprasad Jain Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia View full book textPage 9
________________ विषय-सूची। .. -मालयन-जनधर्म का प्राकृत रूप, जैनधर्मको प्राचीनता.' प्राचीन भारतका स्वरूप, तत्कालीन मुख्य राज्य ...: है. ३-शिशुनाग वंश-उत्पत्ति, उपश्रेणिक, श्रेणिक विम्बसार, अभयकुमार, मनातशत्रु, कुणिक; दर्शक, उदयन, नन्दिवर्धन, महानन्दिन आदि .... ११ ३-लिच्छिविआदिगणराज-प्राचीन भारतमें प्रजातन्त्र, . लिच्छिवि, राना चेटक, शतानिक, दशरथ, उदयन, चेलनी, वैशाली, ज्येष्ठा, चन्दना, शाक्य, मल्ल, गणराज्य २९ ४-मात्रिक क्षत्री और भ० महावीर-कोल्लाग, वज्जियन; : सिद्धार्थराना, त्रिशला, कुण्डयाम, म० महावीरका जीवनकाल, निन्य नैनी, भवरुद्र, मखलिगोशाल, पूर्णकाश्यप, आनीवक, गौतमवुद्ध, कौशलदेश, मिथिला, वैशाली, चंगा, धर्मघोप, सुदर्शन सेठ, मगध, पांचाल, कलिंग, वंग, मथुरा, दक्षिण भारत, रानवृताना, गुनगत, पंजाब, काश्मीर आदिमें धर्मपचार, तृवंश १९ ५-चीर संघ और अन्य राजा-वीर संघके गगधा, गौतम, अग्निभूति, वायुभूति, सुधर्माचार्य, यमराजा, मण्डिक पुत्र, मौर्यपुत्र, मकंपित, अचलवृत्त, प्रभास, शरिषेग, चंदना मादि .... .... .... ११९ ६-तत्कालीन सभ्यता और परिस्थिति-तत्कालीनPage Navigation
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