Book Title: Sankshipta Jain Itihas Part 01 Khand 01
Author(s): Kamtaprasad Jain
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 13
________________ ( ९ ) जराएखो० 'जरनल ऑफ दी रॉयल ऐसियाटिक सोसाइटी केन्दन । का ० = 'जैन कानून' - श्री० चम्पतराय जंन विद्यावा० (बिजनौर १९२८) अग०- 'जेनगेजेट' - अंग्रेजी ( मद्रास ) । जैप्र०='जैनधर्म प्रकाश'- ब्र० शीतलप्रसादजी ( बिजनौर १९२७) । जस्तू• 'जैनस्तूप एण्ड अदर एण्टीकटीज़ ऑफ मथुर्ग - स्मिथ । जैसांसं०= जैन साहित्य संशोधक-मु० जिनविजयजी ( पूना ) । > सिमा ०= जैन सिद्धान्त भास्कर' - श्री पद्मराज जैन ( कलकत्ता ) । जैशिसं०= जैन शिलालेख संग्रह-प्रॉ० हीरालाल जैन (माणिकचन्द्र मम्यमाला ) । जेहि० जैन हितैषी' - सं० पं० नाथूरामजी व पं० जुगल किशोरजी (नई) जैस० ( JB.. ) जेन सूत्राज़ ( S. B. E. Series, Volso XXII & XLV.). टॉग टॉइसा० कृत राजस्थानका इतिहास ( वेङ्कटेश्वर प्रेस) । डिजेया०८ ए डिक्शनरी ऑफ जैन बायोग्रफी - श्री उमरावर्धिह टॉक ( आरा) । तक्ष०= ए गाइड टू तक्षशिला - सर जॉन मारशल ( १९१८ ) । तत्वार्थ ० = 'तत्वार्थाधिगम् सूत्र' - श्री उमास्वाति (S. B. J. Vol. I) विपं० तिोयपण्णति' - श्री यतिवृषभाचार्य (जेन हितैषी भा० १३ अंक १२) S P 'दिजे०=' दिगम्बर जैन ' मासिक पत्र- पं० श्री मूलचन्द किसनदास कापड़िया (सूरत) । दीनि ०= दीघनिकाय' (P. T. S. ) परि परिशिष्ट पर्व - श्री हेमचन्द्राचार्य । BE प्राजैले १०= प्राचीन जैन लेखसंग्रह - कामताप्रसाद जैन (वर्धा) बचिओ मागाल, बिहार, ओड़िसा जैन स्मारक - श्रीमान् व शीतलप्रसादजी | # बर्जेस्मा०=त्रम्बकं प्रान्त के प्राचीन जैन स्मारक त्र० शीतल प्रसादभी । बुद्द ब्रिट इन्डिया - प्रो० हीस डेविट्स । }

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