Book Title: Sanghvi Dharna aur Dharan Vihar Ranakpur Tirth ka Itihas
Author(s): Daulatsinh Lodha
Publisher: Pragvat Sangh Sabha

View full book text
Previous | Next

Page 8
________________ ॥ श्री आदिनाथाय नमः ॥ प्राग्वाटवंशावतंस श्रेष्ठि सं०. रत्ना एवं श्रेष्ठि सं० धरणा और श्री धरणविहार-राणकपुरतीर्थ इतिहास सं० सांगण और वि० शताब्दी पन्द्रहबी के प्रारम्भ में उसका पुत्र कुरपाल : नांदिया (नंदीपुरः) नामक ग्राम में, जो . . सिरोही-स्टेट, राजस्थान के अन्तर्गत है सं० सांगण रहता था। सं० सांगण के कुरपाल नामक प्रसिद्ध पुत्र था। कुरपाल की स्त्री कामलदेवी थी। कामलदेवी का ... नादिया ग्राम का नाम किसी उक्त वंशसम्बन्धी शिलालेख में नहीं मिलता है । पन्द्रहवीं शताब्दी के पश्चात् के अनेक प्रसिद्ध, अप्रसिद्ध कवि, सरि एवं मुनियों द्वारा रचे गये राणकपुरतीर्थसंबंधी स्तवनों में नादिया. ग्राम का नाम स्पष्टतया वर्णित है । जनश्रुति भी इस मत की प्रबल पुष्टि करती है। :::........ ... पिंडरवाटक में श्री महावीर जिनालय के वि० सं०१४६५ के सं० धरणा के लेख में सांगा (सांगण) का. पुत्र: पूर्णसिंह और पूर्णसिंह की स्त्री जाल्हणदेवी और पुत्र कुरपाल लिखा है। -अ० प्र० ० ले० सं० श्राबू भा० ५ ले० ३७४. . . : ...

Loading...

Page Navigation
1 ... 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42