Book Title: Samveg Rangshala
Author(s): Jayanandvijay
Publisher: Lehar Kundan Group

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Page 5
________________ द्रव्य सहायक आ. श्री विद्याचंद्रसूरीश्वरजी के शिष्य एवं मुनिराज श्री रामचंद्रविजयजी के कृपापात्र मुनिराज श्री जयानंदविजयजी मुनि श्री दिव्यानंदविजयजी मुनि श्री वैराग्यानंदविजयजी मुनि श्री तत्त्वानंदविजयजी मुनि श्री रैवतचंद्रविजयजी मुनि श्री अमृतविजयजी आदि ठाणा एवं राष्ट्रसंत शिरोमणी आ. श्री हेमेन्द्रसूरीश्वरजी के आज्ञा. शा. दी. प्र. वि. साध्वीश्री मुक्तिश्रीजी की सुशिष्याएँ सा. श्री कुशलप्रभाश्रीजी सा. श्री वसंतबालाश्रीजी सा. श्री मुक्तिप्रज्ञाश्रीजी सा. श्री मुक्तिरत्नाश्रीजी सा. श्री मुक्तिदर्शिता श्रीजी सा. श्री मुक्तिरिद्धिश्रीजी सा. श्री मुक्तिसिद्धिश्रीजी - सा. श्री मुक्तिप्रियाश्रीजी चातुर्मास प्रारंभ आषाढ सुदि १३ बुधवार, १६ / ७ /०८ चातुर्मास समापन कार्तिक सुदि १५ गुरुवार, १३/११/०८ O आदि ठाणा का शाश्वत तीर्थ शत्रुंजय क्षेत्रे पालीताना नगरे २०६५ में चातुर्मास एवं उपधान करवाया उस समय की ज्ञान खाते की आय में से... लेहर - कुंदन ग्रुप मंगलवा, मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, हरियाणा श्रीमती गेरोदेवी जेठमलजी कुंदनमलजी बालगोता परिवार मेंगलवा... २०० प्रतियाँ : एक सद्गृहस्थ, थराद ܘܘ ܗܘܘ ܡܟ ܠܟ ܠܟ ܠܘܡܘܢܕ ܘܢ

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