Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan

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Page 7
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( vi ) भी सहायक सम्पादक और व्यवस्थापक के रूप में नियुक्ति की । काम को गति देने के लिए वहां छः सात चारण बन्धुओं को भी नियुक्त किया गया, जिनमें श्री देवकर्ण और किशोरदानजी 'घूमरजो' मुख्य थे । सर शुकदेव प्रसाद के देहांत तक सारा कार्य सुचारु रूप से चला, पर बाद में उनके ही पुत्र श्री धर्म नारायण काक ने उसे अनावश्यक समझकर बन्द कर दिया। तब तक यहाँ डिगळ के मानक ग्रंथों (राम रासो, रघुवर जस प्रकाश, क्रिसन रुकमणी री वेली आदि) और डिंगळ गीतों में से लक्षाधिक शब्द छांटकर उदाहरणों के साथ चिटबद्ध कर उनका अनुक्रमण कर लिया गया था । कार्य बन्द होने पर सारी सामग्री एक छोटे कमरे में पड़ी रही, जहाँ दीमकों और चूहों ने काफी सामग्री को अपना भोज्य बनाया। कुछ वहाँ से उड़ा ली गई और शेष सहस्रों रुपयों की अमूल्य सामग्री श्री धर्मनारायण काक ने सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टोट्यूट को केवल इस शर्त पर दे दी कि ग्रंथ के छपने पर, आभार स्वीकार करते हुए उनके पिता का एक बड़ा चित्र उसमें दिया जाय । इंस्टीट्यूट के अधिकारियों के बार-बार कहने पर मुझे जोधपुर जाना पड़ा। श्री धर्मनारायण काक ने अपने पू० पिताजी सर शुकदेव प्रसाद काक के एक बड़े फोटो और उपर्युक्त शर्त के साथ मुझे अवशिष्ट सारी सामग्री दी, जिसे लेकर मैं बीकानेर आया और इंस्टीट्यूट को दे दी । उस अद्वितीय कोश के चिटों के कॉलम्स बड़ी विद्वता से बनाये गये थे। यदि वह सम्पूर्ण हो जाता तो राजस्थानी का विश्व कोश बनता। १. अनेक ग्रंथों में से एक-एक शब्द अनेक बार आने से तथा एक शब्द के अनेक अर्थ होने के कारण चिटों में लिये शब्दों की संख्या बहुत बड़ी है। यह संख्या इन सब के एकीकरण में कम हो जाती है । २. यहाँ हमने जिन अनेकों हस्तलिखित ग्रन्थों की प्रतिलिपियाँ करवाई थीं, वे अनेक ___ वर्षों के पश्चात्, जोधपुर के एक संभ्रान्त व्यक्ति के यहां, लिपिकारों के दैनिक काम पर मेरे हस्ताक्षरों सहित साश्चार्य देखने को मिलीं। ३. शब्द-चिट के कॉलम इस प्रकार थे १. मूलशब्द। ५. उदाहरण । ८. विरुद्ध शब्द । २. व्युत्पत्ति । ६. उदाहरण का ६. विरुद्ध शब्द का अंग्रेजी पर्याय । ३. व्याकरण। हिन्दी अनुवाद । १०. विशेष विवरण (सांस्कृतिक, ४. हिन्दी में अर्थ । ७. उदाहरण का साहित्यिक, ऐतिहासिक आदि ।) अंग्रेजी अनुवाद । ११. विशेष विवरण का अंग्रेजी अनुवाद । For Private and Personal Use Only

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