Book Title: Rai Paseniya Suttam Part 01
Author(s): Hiralal B Gandhi
Publisher: Hiralal B Gandhi

Previous | Next

Page 16
________________ रायपसेणियसुत्त से जहानामए आलिंगपुक्खरे इ वा, मुइंगपुक्खरे इ वा, सरयले. इ वा, करयले इ वा, चंदमंडले इ वा, सूरमंडले इ वा, आयसमंडले इ वा, उरब्भवम्मे इ वा, ( वसहचम्मे इ वा), वराहचम्मे इ वा, सीहवम्मे इ वा, वग्घचम्मे इ. वा, मिगचम्मे इ वा, छगलचम्मे इ वा, दीवियचम्मे इ वा, अणेगसंकुकीलगसहस्सवियए नाणाविहपंचवण्णेहि मणीहि उवसोहिए आवडपञ्चावडसेढिपसेढिसोत्थिय-(सोवत्थिय )-पूसमाणग-(वद्धमाणग) मच्छंडगमगरंडगजारामाराफुल्लावलिवपउमपत्तसागरतरंगवसंतलयापउमलयाभत्तिचित्तेहिं सच्छाएहिं सप्पभेहिं समरीइएहि सउज्जोएहिं नाणाविहपंचवण्णेहि मणीहिं. उवसोहिए हिं तं-जहा किण्हेहिं नीलेहिं लोहिएहिं हालिद्देहि. सुक्किल्लेहिं । तत्थ णं जे ते किण्हामणी तेसिं.णं मणीण इमे एयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते । से जहानामए जीमूयए इवा, अंजणे इ वा, खंजणे हवा, कजले इ वा, गवले इ वा, गवलगुलिया इ.वा, भमरे ६ वा, भमरावलिया इ वा, भमरपतंगसारे इ वा, जंबूफले इवा, अदारिट्टे इ वा, परहुए इ वा, गए इ वा, गयकलभे इवा, किण्हसप्पे इ वा, किण्हकेसरे इवा, आगासथिग्गले इ वा, किण्हासेए इवा, किण्हकणवीरे इ वा, किण्हबंधुजीवे इ वा, भवे एयारूवे सिया ? । णो इगट्टे समढे, ( ओवम्म समणाउसो!) ते णं किण्हामणी इत्तो इट्टयराए चेव कंतयराए चेव मणामयराए चेव मणुण्णयराए चेव वण्णेणं प-.. पणत्ता । तत्थ णं जे ते नीलामणी तेसिं णं मणोणं इमे एया-. रूवे वण्णावासे पण्णत्ते । से जहानामए भिंगे इ वा, भिंगपत्ते इ वा, सुए इ वा, सुयपिच्छे । वा, चासे इ वा, चासपिच्छे इवा, नीली इ वा, नीलीभेए इवा, नीलीगुलिया इ वा

Loading...

Page Navigation
1 ... 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 ... 300