Book Title: Rai Paseniya Suttam Part 01
Author(s): Hiralal B Gandhi
Publisher: Hiralal B Gandhi

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Page 15
________________ १० रायपसेणियसुत्त समुग्घाएणं समोहणइ । २ संखेजाई जोयणाई जाव अहाबायरे पोग्गले समोहणइ । २ अहासुहुमे पोग्गले परियाएइ । २ दोच्चपि वेउब्वियसमुग्घाएणं समोहणित्ता अणेगखंभसयसन्निविटुं जाव दिव्वं जाणविमाणं विउव्विउं पवत्ते यावि होत्था । तए णं से आभियोगिए देवे तस्स दिव्वस्स जाणविमाणस्स तिदिसिं तओ तिसोवाणपडिरूवए विउव्यइ। तं जहा-पुरस्थिमेणं दाहिणेणं उत्तरेणं । तेसिं तिसोवाणपडिरूवगाणं इमे एयारूवे वण्णावासे पण्णत्ते । तं जहा-वइरामया निम्मा रिट्टामया पाटाणा वेरुलियमया खंभा सुवण्णरुप्पमया फलगा लोहियक्खमयाओ सूइओ वयरामया संधी नाणामणिमया अवलंबणा अवलंबणबाहाओ य पासादीया जाव पडिरूवा । तेसिं गं तिसोवाणपडिरूवगाणं पुरओ तोरणे विउव्वइ । तोरणा [तेसि णं] नाणामणिमएसु थंभेलु उवनिविट्ठसंनिविट्टविविहमुत्तरोवचिया विविहतारारूवोवचिया जाव पडिरूवा, तेसिं गं तोरणाणं उप्पि अट्टमंगलगा पण्णत्ता । तं जहा-सोत्थियसिरिवच्छणंदियावत्तवद्धमाणगभद्दासणकलसमच्छदप्पणा' जाव पडिरूवा । तेसिं च णं तोरणाणं उप्पिं बहवे किण्हचामरज्झए जाव सुकिल्लचामरज्झए अच्छे सण्हे रुप्पपट्टे वइरामयदंडे जलयामलगधिए सुरम्मे पासादीए दरिसणिज्जे अभिरूवे पडिरूवे विउव्वइ । तेसिं थे तोरणाणं उपि बहवे छत्ताइछत्ते घंटाजुगले पृडागाइपडागे उप्पलहत्थए कुमुदणलिणसुभगसोधियपोंडरीयमहापोंडरीयसयपत्तसहस्सपत्तहत्थए सबरयणामए अच्छे जाव पडिरूवे विउबह । तए णं से आभियोगिए देवे तस्स दिव्वस्स जार्णावमाणस्स. अंतो बहुसमरमणिज्जं भूमिभागं विउव्वइ ।

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