________________
प्रतिक्रमण
१०
प्रतिक्रमण
कोई ब्रान्डी पीता हो और कहे कि मैं माफ़ी माँगता हूँ। तो मैं कहूँगा कि माफ़ी माँगना। माफ़ी माँगते रहना और पीते रहना। लेकिन सच्चे दिल से मन में तय करना कि मुझे छोड़ देनी है। एक दिन उसका अंत आयेगा। यह मेरा शत-प्रतिशत का विज्ञान है!
यह तो विज्ञान है !!! फलित हुए बिना नहीं रहता। तुरन्त ही फल देनेवाला है। 'दीस इझ दी कैश बैन्क ऑफ डिवाईन सोल्यशन'"कैश बैन्क' यही सही! दस लाख वर्ष में निकला ही नहीं ऐसा बैन्क ! दो घंटे में मोक्ष ले जाईए!! यहाँ पर तू जो माँगेगा वह देने को तैयार हूँ। तू माँगता भूले।
एक मनुष्य को चोरी करने के पश्चात् पछतावा होता है, उसे कुदरत नजरअंदाज करती है। पश्चाताप किया, उसका भगवान के यहाँ कोई गुनाह नहीं है। मगर जगत् के लोग दंड करें वह इस जनम में भुगत लेना पड़ता
चाहिए । आज्ञा यही ही धर्म और आज्ञा यही ही तप। मगर वह गड़बड़ किये बिना रहता नहीं न! अनादि से बुरी आदत जो पड़ी है।
३. नहीं है 'वे' प्रतिक्रमण महावीर के प्रश्नकर्ता : अनादिकाल से प्रतिक्रमण तो करता आया है, फिर भी छुटकारा नहीं हुआ।
दादाश्री : सच्चे प्रतिक्रमण नहीं किये हैं। सच्चे प्रत्याख्यान और सच्चे प्रतिक्रमण करे तो उसका हल निकले। प्रतिक्रमण शूट ऑन साइट होना चाहिए। अब मुझ से एक शब्द जरा टेढा निकल गया, इसलिए मझे भीतर प्रतिक्रमण हो ही जाना चाहिए। तुरन्त ही, ऑन दी मोमेन्ट (उसी क्षण)। इसमें उधार नहीं चलता। यह तो बासी रखा ही नहीं जाता।
प्रतिक्रमण माने पछतावा करना, तो पछतावा आप किसका करते हो? प्रश्नकर्ता : पछतावा नहीं कर सकते। क्रियाएँ करते रहते हैं सभी।
दादाश्री : प्रतिक्रमण माने वापस लौटना, पाप जो किये हो, क्रोध किया हो, उसका पछतावा करना उसे प्रतिक्रमण कहते है।
प्रतिक्रमण किसे कहेंगे? कि जो करने से दोष कम हो। जो करने से दोष बढते रहें, उसे प्रतिक्रमण कैसे कहेंगे? अर्थात् भगवान ने ऐसा नहीं कहा था। भगवान कहते हैं, समझ सको उस भाषा में प्रतिक्रमण करो। अपनी-अपनी भाषा में प्रतिक्रमण कर लेना। वरना लोग प्रतिक्रमण नहीं समझ पायेंगे। तब यह मागधी भाषा में रख छोड़ा है। अब जो गुजराती अपनी भाषा ठीक से नहीं समझते, उसको मागधी में प्रतिक्रमण करने से क्या फ़ायदा होगा? और साधु-आचार्य भी समझते नहीं, उनमें भी कोई दोष कम नहीं हुआ। इसलिए इसमें ऐसी परिस्थिति हो जाती है।
_ 'ये सब गलत है, ऐसा नहीं करना चाहिए', ऐसा सभी बोलते हैं मगर ऊपर-ऊपर से बोलते हैं। 'सुपरफ्लुअस' बोलते हैं, 'हार्टिली' (दिल से) नहीं बोलते। बाकी यदि ऐसा 'हार्टिली' बोलें तो उसे कुछ समय में गये बिना छुटकारा ही नहीं! आपका कितना भी बरा दोष हो किंतु उसका आपको 'हार्टिली' बहुत पछतावा होगा तो वह दोष फिर नहीं होगा। और फिर से हो जाये तो भी उसमें कोई हर्ज नहीं, मगर उसका पछतावा बहुत करना।
प्रश्नकर्ता : प्रतिक्रमण और पश्चाताप में क्या अंतर?
दादाश्री: पश्चाताप अस्पष्ट रूप से है. क्रिश्चियन इतवार को चर्च में पश्चाताप करते हैं। जो पाप किये थे उसका अस्पष्ट रूप से पश्चाताप करते हैं। और प्रतिक्रमण तो कैसा हे कि जिसने गोली दागी, जिसने अतिक्रमण किया, वह प्रतिक्रमण करे, तत्क्षण! 'शूट ऑन साइट' उसे धो डाले!!
आलोचना-प्रतिक्रमण और प्रत्याख्यान महावीर भगवान के सिद्धांत का सार है। और अक्रम मार्ग में 'ज्ञानी पुरुष' वह सार है, इतना ही समझना
भगवान ने मागधी भाषा में केवल एक नवकार मंत्र अकेला ही बोलने को कहा था और वह भी समझकर बोलना। अर्थात् मागधी में रखने जैसा केवल यह नवकार मंत्र अकेला ही है, क्योंकि वे भगवान के शब्द