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जीवराज जैन ग्रन्थमाला, ग्रन्थ १८
ग्रन्थमाला संपादक प्रो. आ. ने. उपाध्ये व प्रो. हीरालाल जैन
श्री-भावसेन-विद्य-विरचित प्रमा प्रमेय
(सिद्धान्तसार मोक्षशास्त्र का प्रथम परिच्छेद) प्रस्तावना, हिन्दी अनुवाद, तुलनात्मक टिप्पणी इत्यादि
सहित प्रथमवार संपादित
संपादक प्रा. डॉ. विद्याधर जोहरापूरकर एम् .ए., पीएच. डी. संस्कृतविभाग, शासकीय महाविद्यालय, मण्डला (म. प्र.)
प्रकाशक गुलाबचन्द हिराचन्द दोशी जैन संस्कृति संरक्षक संघ, सोलापूर.
वीर नि. सं. २४९२]
[विक्रम सं. २०२२
सन १९६६ जीवराजजैन ग्रंथमाला
सोलापूर
मूल्य
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