Book Title: Prakrutanand Author(s): Jinvijay Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur View full book textPage 3
________________ राजस्थान पुरातन ग्रन्थमाला राजस्थान राज्य द्वारा प्रकाशित सामान्यत: अखिल भारतीय तथा विशेषतः राजस्थानदेशीय पुरातनकालीन संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश, राजस्थानी, हिन्दी आदि भाषानिबद्ध विविध वाङ्मयप्रकाशिनी विशिष्ट ग्रन्थावलि प्रधान सम्पादक पद्मश्री जिनविजय मुनि, पुरातत्त्वाचार्य सम्मान्य संचालक, राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर ऑनरेरि मेम्बर ऑफ जर्मन ओरिएन्टल सोसाइटी, जर्मनी; निवृत्त सम्मान्य नियामक (ऑनरेरि डायरेक्टर ), भारतीय विद्याभवन, बम्बई; प्रधान सम्पादक, सिंघी जैन ग्रन्थमाला, इत्यादि ग्रन्थाङ्क १० पण्डित रघुनाथकवि विरचित प्राकृतानन्द प्रकाशक राजस्थान राज्याज्ञानुसार सञ्चालक, राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान जोधपुर ( राजस्थान ) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 ... 108