Book Title: Prakrit Vyakaran Praveshika
Author(s): Satyaranjan Banerjee
Publisher: Jain Bhavan
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शब्द रूप
२७
एकवचन
बहवचन
विभक्ति चतर्थी
पंचमी
भत्तारा, भत्तारत्तो, भत्तारत्तो, भत्तारओ, भत्तारओ, भत्तारउ, भत्तारउ, भत्ताराहि, भत्तारहितो, भत्ताराहि, भत्ताराहि, भत्तारहिंतो भत्तुणो, भत्तुत्तो, भत्तूओ, | भत्तारेहितो, भत्तारसुतो भत्तूउ, भत्तूहिंतो, भत्तू । भत्तारेसुंतो, भतुत्तो,
भत्तूओ, भत्तूउ,
भत्तूहिंतो, भत्तूसंतो भत्तारस्स, भत्तुणो, भत्तुस्स | भत्ताराण-णं, भत्तूण-णं भत्तारे, भत्तारम्मि, भत्तुम्मि भत्तारेसु-सुं, भत्तूसु-सुं भत्तार, भत्तारो, भत्तारा, | भत्तारा,भत्तू, भत्तुणों भत्तु, भत्तू
षष्ठी सप्तमी सम्बोधन
राजन्-राय
विभक्ति
एकवचन
प्रथमा
राया
द्वितीया
रायं, राइणं
बहुवचन राया, रायाणो, राइणो राये, राया, रायाणो, राइणो राएडि-हिं-हिँ, राईहि-हिं-हिँ
तृतीया
राइणा, रण्णा, राएण-णं
चतुर्थी पंचमी षष्ठी सप्तमी
रण्णो, राइणो, रायत्तो । रण्णो, राइणो, रायस्स । राये, रायम्मि, राइम्मि राया, राय
रायत्तो, राइत्तो राईण-णं, रायाण-णं राईसु-सुं, राएसु-सु राया, रायाणो, राइणो
सम्बोधन
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