Book Title: Prakrit Vyakaran Praveshika
Author(s): Satyaranjan Banerjee
Publisher: Jain Bhavan

View full book text
Previous | Next

Page 47
________________ ४६ १ धातु कृ कर २ प्रथम पुरूप वहुवचन ४ वाच्य ११ क्रिया विभक्ति मध्यम पुरूप एकवचन वहुवचन ९ विकरण १२ क्रिया का रूप उत्तम पुरूष बहुवचन Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ३ एकवचन एकवचन | 17-ze- वर्तमान करंति, करेंति करसि,करेसि करह, करेह करमि, करमि करमो, करेमा भूत कासी, काही, (करित्था), काही करिस्सइ कासी, काही, काही करिस्संति कासी, काही, काही करिस्ससि कासी, काही काही करिस्सह कासी, काही, काही करिस्सामि कासी, काही काही करिस्सामो -म,-म भविष्यत् For Private and Personal Use Only प्राकृत व्याकरण प्रवेशिका www.kobatirth.org करेजा, कज्जा करेजा करेजासि करेखाह करेजामि करेग्जाम करेउ. करन्तु करेसु, करेहि, करह करम करमा कर करेजा, कुना करेजा, कुज्जा विध्यर्थक (Optative) अनुज्ञाज्ञापक (Imperative) क्रियातिपत्ति (Conditional) तुमर्थक (Infinitive) शतृशानच (Participle) असमापिकाकिया (Gerund) करिउं, करितए करन्त, करमाण करित्ता करिऊण Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir

Loading...

Page Navigation
1 ... 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57