Book Title: Prakrit Vyakaran Praveshika
Author(s): Satyaranjan Banerjee
Publisher: Jain Bhavan

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Page 49
________________ For Private and Personal Use Only नि N Dश | क C A T V E विध्यर्थक (Optative) अनज्ञाज्ञापक (Imperative) क्रियातिपत्ति (Conditional) तमर्थक (Infinitive) शतृशानच् (Participle) असमापिकाक्रिया (Gerund) वर्तमान ६ भूत भविष्यत् ३ एकवचन भणइ, भणेइ. भणिअ भणिस्सइ, भणेम्सइ भणेत्रा भणज भणउ भणज 'भणजा भणिउं भणन्त, (भणमाण) भणित्ता, भणिऊण १ धातु भण्-भण २ प्रथम पुरुष बहुवचन भणंति, भणेति भणिअ भणिस्संति, भणेस्मंति भणेजा भणज भणन्तु ४ वाच्य ११ क्रिया विभक्ति मध्यम पुरुष एकवचन भणसि, भणेसि भणिअ भणिsafe भणस्ससि भणेवासि भणेस, भणेहि (भण) बहुवचन भणह, भणेह भणिअ भणिस्सह भणस्सह भणेवाह भणेह एकवचन भणामि, मणेमि ९ विकरण १२ क्रिया का रूप उत्तम पुरुष भणिअ भणिस्सामि भणस्सामि भणिहामि, भणेहामि भणिहिमि भणेनामि भणेमु बहुवचन भणमो मणमा - मु, म भणिअ भणिस्सामा, भणस्सामा, मु. म भणिहाभो, भणेहामो, मु, म भणेहाम, मु, म भणेजाम भणमा ४८ प्राकृत व्याकरण प्रवेशिका Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir

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