Book Title: Prakrit Vyakaran Praveshika
Author(s): Satyaranjan Banerjee
Publisher: Jain Bhavan

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Page 26
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra विभक्ति प्रथमा द्वितीया तृतीया चतर्थी ७ पंचमी षष्ठी सप्तमी सम्बोधन विभक्ति प्रथमा द्वितीया तृतीया चतर्थी 9 पंचमी षष्ठी सप्तमी सम्बोधन धेणू धेणं www.kobatirth.org उकारान्त स्त्रीलिंग शब्द का रूप धे शब्द रूप एकवचन धेणू, धेणुआ, धेणूइ, धेणूए धेण, धेणू धेणूअ, धेणूआ, धेणूइ, धेणू, धेणूओ, धेणत्तो, हितो धेणूअ-आ-इ-ए अ-आ-इ-ए वहू वहं एकवचन Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ऊकारान्त स्त्रीलिंग शब्द का रूप वहू वहूअ, वहूआ, वहूइ, बहुए, बहुओ, बहुत्तो, वहूहिंतो वहूअ-आ-इ-ए वहूअ-आ-इ-ए वहु, वहू बहुवचन धेणू, धेणूओ, धेणूउ धेणू, धेणूओ, धेणूउ हि- हिं-हिं घेणत्तो, धेणूओ, धेणूउ For Private and Personal Use Only घेणूर्हितो, धेणूसंतो धेणूण - णं धेणूस-सं धेणू, धेणूओ, धेणूउ वहूअ, वहूआ, वहूइ, वहूए वहूहि - हिं- हिँ बहुवचन वहू, वहूओ, बहूउ वहू, वहूओ, वहुउ हू बहुसु-सुं वहू, बहूओ, वहूउ २५ वहत्तो, बहूओ, बहूउ, बहूहिंतो बहूसंतो

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