Book Title: Pragna Sanchayan Author(s): Pratap J Tolia Publisher: Jina Bharati View full book textPage 2
________________ प्रज्ञा संचयन __ पद्मभूषण प्रज्ञाचक्षु डॉ. पं. सुखलालजी के दर्शन और चिंतन से जैन दर्शन, श्रीमद् राजचंद्र एवं महात्मा गाँधीजी विषयक __अहिंसक संस्कृति के चुने हुए अनूदित विशिष्ट चिंतन लेख-निबंध) * सम्पादक - अनुवादक * प्रो. प्रतापकुमार ज. टोलिया, एम.ए.(हिं.), एम.ए. (अं), साहित्य रत्न, जैन संगीत रत्न सुमित्रा प्र. टोलिया, एम.ए. (हिन्दी), संगीत विशारद (सप्तभाषी आत्मसिद्धि, पंचभाषी पुष्पमाला, आत्मध्यान के अवसर पर, प्रज्ञाचक्षु का दृष्टिप्रदान आदि अनेक जैन ग्रंथों के सम्पादक-अनुवादक ; श्री भक्तामर स्तोत्र, आत्मसिद्धि शास्त्र, महावीर दर्शन, ईशोपनिषद, आत्मखोज, ध्यानसंगीत आदि अनेक लांगप्ले - कॉम्पैक्ट डिस्क के गायक - निदेशक ; भूतपूर्व कॉलेज प्रिन्सिपाल एवं प्राध्यापक) * पुरोवचन * डॉ. जितेन्द्र बी. शाह निदेशक, ला. द. भारतीय संस्कृति विद्यामंदिर, अहमदाबाद सौजन्य स्वीकृति जैन संस्कृति संशोधन मंडल, बनारस पंडित सुखलालजी सन्मान समिति, अहमदाबाद ***** जिनभारती वर्धमान भारती इन्टरनेशनल फाउन्डेशन प्रभात काम्पलेक्स, के.जी. रोड़, बेंगलोर - 5 60 009Page Navigation
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