Book Title: Prachin Jain Itihas Sangraha Part 03 Kaling Desh ka Itihas
Author(s): Gyansundar Maharaj
Publisher: Ratnaprabhakar Gyanpushpamala

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Page 14
________________ कलिङ्ग देश का इतिहास ____ यह शिलालेख कालिंग देश, जिसे अब सब उड़ीसा कह कर पुकारते हैं, के खण्डगिरि (कुमार पर्वत ) की हस्ती नाम्नी गुफा से मिला था। यह शिला लेख १५ फुट के लगभग लम्बा तथा ५ फीट से अधिक चौड़ा है। . यह शिलालेख १७ पंक्ति में लिखा हुआ है । इस शिलालेख की भाषा पाली भाषा से मिलती है। यह शिलालेख कई व्यक्तियों के हाथ से खुदवाया हुआ है। पूरे सौ वर्ष के परिश्रम के पश्चात् इसका समय समय पर संशोधन भी किया है । अन्तिम संशोधन पुरातत्वज्ञ पं० सुखलालजीने किया है । पाठकों के अवलोकनार्थ हम उस लेख की नकल यहाँ पर दे के साथ में उसका हिन्दी अनुवाद भी सरल भाषा में पंक्ति वार दे देते हैं आशा है कि इसे मननपूर्वक पढ़कर अपने धर्म के गौरव को भली भाँति से समझेंगे।

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