Book Title: Pathikvaggatthakatha
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri

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Page 262
________________ [अ-अ] सद्दानुक्कमणिका अनुपुब्बनिरोधाति-२०९ अनुपुब्बविहाराति-२०९ अनुप्पत्तसदत्थो-४३ अनुप्पादपरियोसाने -१५१ अनुप्पादाय-१५१ अनुप्पियभाणीति-११९ अनुभवन्तीति-१६६ अनुमानज्ञाणं-५७ अनुयन्तखत्तिया-३१ अनुयुत्तोति-१९५ अनुयोगक्खमो-५६ अनुयोगो-५७, ५८, ६४ अनुयोगोति-५७,११५ ।। अनुरक्खणापधानन्ति-१८४ अनुरूपयानवाहनसम्पदानेनपि-३१ अनुलोमचीवरानि-१७४ अनुवादाधिकरणं-२०४,२०५ अनुविचरितं-८८ अनुसन्धिं-१२,३७,१६३ अनुसया-२०४ अनुसासनीविधासु-५३ अनुस्सतानुत्तरियं-२०० अनुस्सतिद्वानानि-५२, २०० अनुस्सरतीति-६६ अनुस्सरितुमारद्धो-५१,५२ अनेकपरियायेनाति-३ अनेसनन्ति-१७८ अनेसनं-१७८ अनोत्तप्पन्ति-१४६ अनोमदस्सीबुद्धस्स-५२ अनोमनिक्कमोति-१०१ अनोमविहारी-१०१ अन्तग्गाहिकायाति-२१ अन्तमन्तानेव-१७ अन्तमन्तानेवाति-१७ अन्तरदीपादीसु-३५ अन्तराति-९७ अन्तरापरिनिब्बायी-१९४ अन्तलिक्खे-१३४ अन्तिमपुरिसो-३२ अन्तेवासिकम्यताति - २४ अन्तेवासिकसमणा-१३ अन्तोजनसङ्खातं-३१ अन्तोमणिविमाने-४५ . अन्तोवङ्कपादो-४ अन्तोवापियं-४७ अन्तोसमापत्तियं-६३ अन्तोसारविरहितेन-१३ अन्धभावकरणं-४४ अन्वयबुद्धिया-५४ अन्वये आणं-१८५ अपचितिवेय्यावच्चानि-१६५ अपणिहितानुपस्सनं-१८२ अपण्णत्तिकभावं-५६ अपरगोयानदीपे-४६ अपरपजा-१२५ अपरम्परियधम्मा-५३ अपरिपुण्णवस्सत्ता-४० अपरिमाणगणना-९ अपरियोनद्धनाति-१७२ अपरिसावचरोति-१७ अपरिसावचरं-२३ अपरिसुद्धाति-१५९ अपरिहीनधम्म- १०७ अपस्सेनानीति-१७३ अपायगामिपरिहानाय -२१९ अपायमुखानीति-११४ अपायसहायोति-११९ अपायोति-१६९ अपुञाभिसकारोति-१६४ u Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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