Book Title: Pathikvaggatthakatha
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri

View full book text
Previous | Next

Page 304
________________ [स-स] सद्दानुक्कमणिका [४७]] सति-२९, ७५, ८५, ११३, १४९, १५०, १५५, | सद्धाविमुत्तोति-६६ १७८,१८०, १८३, २१४, २२४ सद्धासम्पन्नो-६८ सतिनेपक्केति-२०३ सद्धिन्द्रियं-६६,२२८ सतिन्द्रियं-२२८ सद्धिविहारिको-१३० सतिपट्ठानचतुक्कं-१७१ सद्धिविहारिकं-८२ सतिपट्टानन्ति-८५, ८६ सद्धोति-१६५, १९३ सतिपट्ठानभावनाय-५८,९० सनिदस्सनं-१६२ सतिपट्टानाति-५०,५८,६०,८५,८६ सन्तुट्ठो-१७४, १७८,१८१ सतिपट्टानानीति-८५ सन्दिटिकाति-११६ सतिबलञ्च-१५० सन्दिट्ठिपरामासी-२१ सतिबलन्ति-१५० सन्दिट्ठिपरामासीति-१९९ सतिमाति-६९ सन्धागारं-१३९,१४० सतिसम्पजञस्स-१७२ सन्धानो-१५,१६ सतिसम्पजायाति-१७२ सन्निट्ठापकचित्ते-२१३ सतिसम्पजनं-२२० सन्निट्ठापकचेतना-२१३ सतिसम्बोज्झगो-१८४ सन्निधिकारकन्ति-४८ सत्तबोज्झना - १५० सन्निधिपरिवज्जनसन्तोसो-१७५,१७८,१७९,१८० सत्तरतनानि-१०१ सपच्चयनामरूपदस्सनं-२२७ सत्तविधअरियधनलाभो-२०० सपदानचारिकॉ-१८० सत्तसत्तति-५२ सपरिळाहटेन-२२६ सत्ताति-३३,१४२ सप्पटिघं-१६२,१६३ सत्तावासदेसना-५२ सप्पटिभाग-५९ सत्तावासाति-२०९ सप्पभासन्ति-१७२ सत्तोति-४८ सप्पाटिहीरकतन्ति-८४ सहायतनं-८८ सप्पिनवनीतादीनि-९८ सद्दारम्मणं-८८ सप्पुरिसधम्मा-२०२ सद्धम्मस्सवनन्ति-१८५ सप्पुरिससंसेवोति-१८५ सद्धम्म-८४ सप्पुरिसूपनिस्सयोति-२२३ सद्धा-४३,७१,१९३ सब्बकिरियानं-३० सद्धादयो-२०२ सब्बकिलेसपरिनिब्बानत्थाय-२४ सद्धाधनं-२०२ सब्बकिलेसानञ्च-१११ सद्धानुसारिम्हिपि-६६ सब्बगन्थप्पमोचनन्ति-२१८ सद्धानुसारीति-६७ सब्ब ताणगतिको-५७ सद्धापुब्बङ्गम-६७ सब्बञ्जतवाणञ्च -२०२ सद्धाविमुत्तो-६६ सब्ब तणञ्चाति-५८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326