Book Title: Pathikvaggatthakatha
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri
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[३४]
दीघनिकाये पाथिकवग्गट्ठकथा
[फ-ब]
पुरेचारिकं-१३६, १३७ पुरोहितं-६३ पूजारहा -३३ पूजितचीवरं-१७५ पूवसुरा-११५ पेक्खन्ति-१२७ पेत्तिविसयगामिनिया-१५५ पेत्तिविसये-३४ पेमनीयो-११० पेसकारसिप्पं-१०१ पोक्खरणिया-१३५ पोक्खरसातका-१३६ पोक्खरसातिसमोति-१०६ पोट्ठपादसुत्तन्तस्मिहि-७२ पोट्ठपादसुत्ते-१४, १५, १६, ६५ पोणं-२२६ पोनोमविकाति-२४ पोराणकत्थेरा-९५ पोराणाति-१७४ पोराणं-४१ पोसोति-६५ पंसुकूलन्ति-१७४ पंसुकूलिकॉ-१७८
फलसतिपट्टानं-६० फलसमनिस्सआणन्ति-१५० फलसमाधि-१६८ फलसमापत्ति-१७१ फलसमापत्तिझानानि-१७२ फलसमापत्तितो-१९६ फलसमापत्तिधम्मा-२१५ फलसीलं-१८७ फलासवो-११५ फस्सनानत्तन्ति-२२७ फस्ससमुदया-१७२ फस्सो-१४२ फासुविहारायाति -१३१ फीतन्ति-९४ फोटुब्बायतनं-८८ फोटुब्बारम्मणं-८८
फणहत्थका-९७ फरुससद्देन -३२ फरुसावाचा-२१२ फलकचीरं-१७४ फलधम्मे-१६३ फलधातुआहारचतुक्कानि-१८५ फलपञञ्च-२४ फलपञ्जा-१८७,२२१ फलभारभरिता-११९
बन्धुभूते - ४१ बन्धूति-४१ बलकायो-३१ बलवकोपो-३४ बलवतण्हाय-१९ बलानीति-६०,१८७ बहलच्छन्दो-२०३ बहिद्धारूपे-१९५ बहिद्धासमुट्ठानं-१४६ बहिमुखो-१०४ बहिवतपादा-९७ बहुकारोति-२१८ बहुजन-१११ बहुजनपुब्बङ्गमो-१०८ बहुरोगो-१०७ बहुलीकम्मन्ति-१५१
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