Book Title: Pathikvaggatthakatha
Author(s): Vipassana Research Institute Igatpuri
Publisher: Vipassana Research Institute Igatpuri

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Page 288
________________ [प-प] सद्दानुक्कमणिका [३१] पन्थघातं-३३ पन्थदुहनन्ति-३३ पन्थिकन्ति-१७५ पन्नरस-१७९,१८१ पपटिकप्पत्ता-२२ पबुद्धकाले-१२० पब्बज्जाकालो-३० पब्बतमत्थके-१२१ पभित्रपटिसम्भिदापरिवारे-२३० पमाणञ्जू-६८ पमादट्ठानन्ति-११५ पयिरुपासिता-१०४ पयोगो-२१२ परकुसिटनाटा-१३४ परत्तभावे-४३ परपुग्गलविमुत्तिाणेति-६९ परभण्डाभिज्झायनलक्खणा-२१२ परमत्थं - १०२,१०३ परमविसुद्धसद्धाबुद्धिवीरियपटिमण्डितेन-२३० परलोकत्थं-८८ परवादभिन्दनं - २५ परविसये-२७, २८ परसञ्चेतनाय -१८९ पराजयोति-८ परामसतीति-१५५ परिकम्मआलोको-१७२ परिक्खीणभवसंयोजनो-४३ परिक्खीणा-४३, ६५, ६६ परिच्छिन्दति-१९८ परिजाननादिकरणीयं-४३ परिवाय-२२१ परिजेय्योति-२१९ परित्तपरिकम्मकथा-१३७ परित्ताणं-१२४, १२५ परिदीपना-९६ परिनिब्बानतो-७३, १७३ परिनिब्बानिकोति-२०९ परिनिब्बायतीति-५० परिनिब्बुतोति-२४ परिपाचनधातु-१९९ परिपुण्णकाया-९८ परिपुण्णसङ्कप्पोति- १९ परिपुण्णसीसो-१०८ परिब्बाजकानं-२५ परिब्बाजकारामे-१५ परिब्बाजकाराम-२,१० परिब्बाजकोति-१५ परिभोगसन्तोसो-१७५, १७७, १७९, १८० परियत्ति-७३ परियत्तिअन्तरधानं-७३ परियत्तिधम्मे-१९१,१९५ परियत्तीति-७३ परियायपथं-५८ परियुट्ठासि-२५ परियुट्टितचित्ता-२५ परियुट्टितभावं-२५ परियेसनसन्तोसो-१७५,१७६, १७९ परियेसनानानत्तन्ति-२२८ परियेसितन्ति-८८ परियोगाळ्हेन-१८५ परियोसानदस्सनत्थं-६१ परियोसितसङ्कप्पो-१९ परिवज्जेति-१७३ परिवज्जेतीति-१७३ परिसङ्काय - १६५ परिसावचरा-३२ परिसुद्धचित्तानं-१६७, २२७ परिसुद्धपरिवारो-१११ परिसुद्धपाळि-२३ परिसुद्धपाळिमत्तम्पि-२३ 31 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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