Book Title: Pashu Vadhna Sandarbhma Hindu Shastra Shu Kahe Che
Author(s): Jain Shwetambar Conference
Publisher: Jain Shwetambar Conference
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व्यष्टि आ समष्टि साथै कांई संबंध छे के केम ? तो विचार करतां बहु ज निकट संबंध जणाय छे. अने एम जणाय छे के आ समष्टिथी ज आपणुं व्यष्टि शरीर बन्युं होय नी शुं ? एम लागे छे. ज्यारे समष्टिथी व्यष्टि बन्युं होय त्यारे तो समष्टि बळवान होवुं जोइए ? ते विचार करतां ते तेमज जणाय छे. विशेष विचार करतां आ सर्व प्राणीओनां शरीर समष्टिथी बनेलां होय एम जणाय छे. एटलुंज नहीं पण ते समष्टिद्वारा आपणने खोराक मळे छे एम तेथी ज पोषण थाय छे. ते न होय तो आपणे न ज होइए अने तेनी इन्द्रियोने देवता बळवान होय तो ज आपणी इन्द्रियोने देवता बळवान होय. एम जणाय छे, त्यारे एना इंद्रियोंने देवता शाथी बळवान थाय ए विचारतां आ प्रत्यक्ष खोराक आपवाथी. त्यारे सारो खोराक आपवाथी सारुं अने नठारो खोराक आपवाथी नठारुं थतुंज हशे ? तो हा एमज थतुं जणाय छे. त्यारे तो आपणे ए अग्निने बहुज साचववो जोईतो लागे छे ? तो हा तेमज जणाय छे त्यारे तो आ यज्ञो जे कह्या छे ते बरोबर जणाय छे. ज्यारे ए यज्ञोनुं अवश्य कर्त्तव्य जणाय छे त्यारे ते यज्ञोमां सारां पदार्थों होमे सारुं भने नठारां पदार्थों होमे नठारुं थाय एम जणाय छे. अने आथी सर्व प्राणिओने जेवी असर करवी होय तेवी करी शकाती होय एम जणाय छे ने शुं? वाह ? आपणा वृद्धोए शुं खुबी गोती काढी छे ने? धन्य छे आपणां वृद्धोने. तेओए जे जे कार्यो बांध्यां होय छे ते बहु डहापण भरेलां होय एम जणाय छे. त्यारे आ यज्ञोमां पशु होम तथा पशु वध विषे विचारीए तेनुं केम छे ते जोइए ? पशुशरीर ए पशुनो मळ रजवीर्यथी थयेल छे अने ते मळज छे तथा मळ छे ते कदी पण सारो पदार्थ होय नाहि. ज्यारे ते सारो पदार्थ नथी त्यारे ए अग्निमा होमवाथी नठारुंज परिणाम आववानुं अने ए नठारुं परिणाम एम करनारनुं कोईनुं आव्युं छे के नहीं? एम विचारतां दैत्यानां राज गयां ने पायमाल थई गया तथा राक्षसो पण पायमाल थई गया ते तेथीज हशे ? एम जणाय छे कारण के एओए एवां कृत्यो बहु करेला होय एम संभळाय छे. त्यारे ए दैत्यो तथा राक्षसोए एवां कृत्यो कर्या तेथी तेमनो तथा तेमना राजनो अने प्रजानो नाश थयो तेम हालना राजाओ जो एम करे तो तेथी पण अवश्य तेज परिणाम आवे एम जाय छे. माटे राजा प्रजा जे शुभ इच्छनार छे तेमणे ए न करवुं ए अति उत्तम जणाय छे. खराब वस्तुओ होमतां नुकशान अने शुभ वस्तुओ होमतां फायदो जणाय छे. अने राजाए विशेषे करीने आ बाबतनी काळजी राखवी एम जणाय छे. कारणके सर्व प्रजानो आधार तेनापर बिशेष छे. अने प्रजाए पण काळजी राखवी जोइए के राजा तेम करतो होय तो तेने अटकाववो. कारणके प्रजाए राजाथी सुख मेळववानुं छे. राजा सुखीए प्रजा सुखी अने राजा दुःखीए प्रजा दुःखी तेमज प्रजा दुखीए राजा दुःखी अने प्रजा सुखीए राजा सुखी एम परस्पर संबंध जणाय छे. हवे सूक्ष्म बुद्धिथी प्रत्यक्ष प्रमाण नीचे प्रमाणे छेः- आपणा शरीरमां कठण भाग, द्रवीभाग, उष्णभाग, गतिवाळोभाग, अने पोलाण छे. पगथी जवाय अवाय छे, हाथथी आप ले थाय छे, गुदधी मळ त्याग थाय छे, शिश्नथी पेशाब त्याग तथा रतिभोग थाय छे, मुखथी खवाय छे, नाकथी गंध जणाय छे, जिह्वाथी स्वाद जणाय
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