Book Title: Parshvanath
Author(s): 
Publisher: Unknown

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Page 7
________________ वजनाभि मुनि बने, सबकुछ छोड़ दिया। जंगल में घोर तपश्चर्या कर रहे थे कि एक भील ने उन्हें देखा भील.और कोई नहीं था।वहीकमठ का जीव था जो अजगर के शरीरको छोड़कर २२ सागर तक छठे नरक मैं रहा और वहां से निकल कर यहां भील हुआ। मुनि को देख कर... हैं! यह कौन है? यह तो वही मेरा पुराना कई भवों से चला आया, शत्रु है। अब मेरे से बचकर कहां जायेगा। आजतो मै इसको... STAT th Sunuw Ham मुनि मरकर मध्यमवेयक में अहमिन्द्र हुए और भील सातवें नरक गया। यही तो है अच्छे बुरे भावों का फल..........

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