________________
जक पाश्वजाश६ मईके हुए। बेटा अब तुम जवान हो गये हो,अब तो यही उचित है कि तुम तब एकदिन...
विवाह कर लो और गृहस्थी के सुख भोगो । बेटा मैं कबसे स्वप्न । | माताजी, मेरी आयु केवल १०० वर्ष की है। ३० वर्ष संजोरही हैं कि घर में
की आयु में मुझे घर छोड़ ही देना है। फिर केवल १४ वर्ष एक छोटी सी प्यारी सी
केलिये मैं गृहस्थी के जंजाल में क्यों फंसूं। मैं तो इस बहू आयेगी।
बंधन में बिल्कुल भी बंधना नहीं चाहता।
कृपया मुझे क्षमा
कीजियेगा।
और उधर..... । कमठ का जीव जिसने शेर की पर्याय में मुनि आनन्द कुमार को अपने पंजों से मार डाला था, मुनि हत्या के पापसे पांचवें नर्क में गया- वहांपर१६ सागर की आयु पूरी की। वहां से मरकर ३सागर तक और और जगह जन्मधारण कर करके नाना दुःख सहे। फिर किसी पुण्योदय सेमहीपालपुर में महीपाल राजा हुआ। महीपाल राजाकी पुत्री तामादेवी ही भगवान पालनाथ कीमाताथी। जब महीपाल राजा की पटरानी का देहान्त हो गया तो वह राजा महीपाल दुखी होकर लापसीबन गया। और पंचाग्निलप करने लगा। एक दिन वह पंचाग्नि तप कर रहा था कि राजकुमार उधरसेनिकले.
अरे। यह तुम क्या) अरे तुझे बड़ापता है कि इसमें क्या है? तू कल का छोकरा कर रहे हो?जिस । क्यातू सर्वज्ञहै दूसरे मैं तेरा नाना और तपस्वी! पर तू इतना लक्कडको तुम उदन्ड कि मुझे नमस्कार तक भी नहीं किया। जना रहे हो उसमें तोनाग नागनी का
जोड़ा है।
६/IN
rCCOUL KXOXOOO
MILIES
अच्छा इसे अभी फाइता)
हाथ कंगन को आरसी क्या? तुम इसमें फाड़ कर देखलो ।