Book Title: Panchsangraha Part 05
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur

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Page 5
________________ 0 श्री चन्द्रषिमहत्तर प्रणीत पंचसंग्रह (५) (बंधविधि-प्ररूपणा अधिकार) - हिन्दी व्याख्याकार स्व० मरुधरकेसरी प्रवर्तक श्री मिश्रीमल जी महाराज 0 संयोजक-संप्रेरक मरुधराभूषण श्री सुकनमुनि सम्पादक देवकुमार जैन 1 प्राप्तिस्थान श्री मरुधरकेसरी साहित्य प्रकाशन समिति पीपलिया बाजार, ब्यावर (राजस्थान) - प्रथमावृत्ति वि० सं० २०४२, ज्येष्ठ, जून १९८५ लागत से अल्पमूल्य २०/- बीस रुपया सिर्फ - मुद्रण श्रीचन्द सुराना 'सरस' के निदेशन में एन० के० प्रिंटर्स, आगरा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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