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* विषयानुक्रमणिका
विषय
१। जीव अधिकार
गाथा | विषय
गाथा कारणपरमाणद्रव्य और कार्यपरमाणुद्रव्यका स्वरूप | परमाणुका विशेष कथन | स्वभावपुद्गलका स्वरूप
२७ पुदगलपर्यायके स्वरूपका कथन
२८ पुदगलद्रव्यके कथनका उपसंहार
२९ धर्म-अधर्म-आकाशका संक्षिप्त कथन । ४ | व्यवहार कालका स्वरूप तथा उसके
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असाधारण मंगल और भगवान ग्रंथकरकी प्रतिज्ञा मोक्षमार्ग और उसके फलके स्वरूपनिरूपणकी सूचना स्वभावरत्नत्रयका स्वरूप रत्नत्रयके भेदकरण तथा लक्षण सम्बन्धी कथन व्यवहार सम्यकत्वका स्वरूप अठारह दोषोंका स्वरूप तीर्थंकर परमदेवका स्वरूप परमागमका स्वरूप छह द्रव्योंके पृथक पृथक नाम उपयोगका लक्षण ज्ञानके भेद | दर्शनोपयोगका स्वरूप | अशुद्ध दर्शनकी तथा शुद्ध और अशुद्ध | पर्यायकी सूचना स्वभावपर्यायें और विभावपर्यायें चार गतिका स्वरूप निरूपण
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५ विविध भेद ६ | मुख्य कालका स्वरूप ७ कालादि अचेतन द्रव्योंके ८ | स्वभाव-गुणपर्यायोंका कथन
कालद्रव्य के अतिरिक्त पूर्वोक्त द्रव्य ही १० पंचास्तिकाय हैं. तत्सम्बन्धी कथन ११ | छह द्रव्यों के प्रदेशका लक्षण और १३ | उसके संभवका प्रकार
अजीवद्रव्य संबंधी कथनका उपसंहार
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१४
३८
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| कर्तृत्व-भोक्तृत्वके प्रकारका कथन दोनों नयोंकी सफलता
३। शुद्धभाव अधिकार १६ | हेय और उपादेय तत्त्वके स्वरूपका ।
कथन १८ | निर्विकल्प तत्त्वके स्वरूपका कथन ।
प्रकति आदि बंधस्थान तथा उदयकें स्थानोंका समूह जीवके नहीं है, तत्सम्बन्धी कथन विभावस्वभावोंके स्वरूप कथन द्वारा पंचमभावके स्वरूपका-कथन
२। अजीव अधिकार पुदगलद्रव्यके भेदोंका कथन | विभावपुद्गलका स्वरूप
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