________________ श्री वीतरागाय नमः देव दर्शन विधि मन्दिरके दरवाजेमें प्रवेश करते ही बोलेॐ जय जय जय, निःसही, निःसही, निःसही। नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु / भगवानके सामने खड़े होकर दोनों हाथ जोड़कर बोलेणमो अरिहंताणं, जमो सिद्धाणं णमो आइरियाणं। : पमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्वसाहूणे / / . भगवानकी तीन प्रदक्षिणा देवे। बंधी मुट्ठीसे बंगुठा भीतर; करके चावलका पूज चढ़ावे भगवानके सामने अरहंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय, साधु ऐसे पांचों पद बोलते हुए क्रमसे बीचमें, उपर, दाहिनी तरफ नीचे और बाई तरफ ऐसे, पांच पूज चढ़ावे / सरस्वतीके सामने-प्रथमं करणं चरणं द्रन्यं नमः ऐसे बोलकर क्रमसे चार पूज लाइनसे चढ़ावे * * * * गुरुके सामने-सम्यग्दर्शन सम्यकज्ञान सम्यकचारित्र ऐसे बोलकर क्रमसे तीन पून लाइनसे चढ़ावे * * * पुनः हाथ जोड़कर स्तोत्र बोले..हे भगवन् ! नेत्रद्वय मेरे सफल हुये हैं ओज अहो / / तव चरणांबुजका दर्शन कर जन्म सफल हैं आज महो।।